रिपब्लिक या गणतंत्र का अर्थ क्या है ? क्या है रिपब्लिक? क्या है गणतंत्र का अर्थ ?




       

Republic शब्द लैटिन शब्द res publica से बना है जिसका मतलब है “लोगों से सम्बंधित”।यानी रिपब्लिक कुछ ऐसा है जो लोगों से जुड़ा है और अगर हम इसके हिंदी रूप को भी समझें तो गण का अर्थ है “लोग” और  “तंत्र” का मतलब है सिस्टम यानी लोगों का सिस्टम। *गण + तंत्र = गणतंत्र* रिपब्लिक या गणतंत्र एक ऐसी व्यवस्था है जिसमे देश लोगों का होता है, सरकार लोगों की होती है।और इस सिस्टम को बहाल करने का सबसे बड़ा माध्यम है लोकतंत्र यानी democracy। जिसे अब्राहम लिंकन ने बड़े सरल शब्दों में समझाया है कि –

*लोकतंत्र जनता का, जनता के लिए और जनता द्वारा शासन  है।* और हमें इस बात का गर्व है कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है।


         क्यों पड़ी रिपब्लिक बनाने कि आवश्यकता?

पाठकगण! आपने सुपर 30 का ये कथन ज़रूर सुना होगा – *अब राजा का बेटा राजा नहीं बनेगा, अब राजा वही बनेगा जो हकदार होगा।* लेकिन पहले ऐसा नहीं था। पहले राजा का बेटा ही राजा बनता था चाहे वह काबिल हो या नहीं। और वास्तव में आज भी कई अरब और अफ्रीकन देशों में Monarchy यानी राज-तंत्र है।लेकिन, 500 BC के आसपास Romans ने उन पर सैकड़ों सालों से राज कर रहे इत्रस्की राजाओं से मुक्ति पाने के बाद एक ऐसी व्यवस्था का निर्माण किया जिसमे जनता अपने प्रतिनिधियों का चुनाव कर सकती थी जो उनकी ओर से शासन करते। यानी अब कोई अकेला व्यक्ति, जैसे कि कोई राजा नहीं था जिसके पास अनंत शक्तियाँ हों। और आगे चल कर दुनिया भर के कई देशों में ये सिस्टम अपनाया गया, जिसमे हमारा देश भारत भी शामिल है।


 पर क्या कह देने भर से कोई देश गणतंत्र बन सकता है? नहीं!


उसके लिए ज़रुरत होती है एक संविधान की एक constitution की, जो बनाया तो चुने गए प्रतिनिधियों के द्वारा हो पर उनसे भी बड़ा हो, जो न्याय का आधार हो, जो प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रुप से राज्य की सर्वोच्च सत्ता की शक्ति के वितरण और प्रयोग को निश्चित करे। और इसीलिए आज़ादी मिलने से पहले ही  9 दिसंबर, 1946 को संविधान सभा की प्रथम बैठक हुई। इसके 2 वर्ष 11 महीने और 18 दिन बाद 26 नवंबर 1949 को  संविधान सभा द्वारा भारत का संविधान पारित किया गया। इसीलिए 26 नवम्बर को संविधान दिवस या “Constitution Day” के रूप में मनाया जाता है।


   क्यों 26 जनवरी को ही मनाया जाता है गणतन्त्र दिवस 

अभी संविधान पारित हुआ था, लागू नहीं।संविधान लागू करने के लिए चुनी गयी एक ऐतिहासिक तारीख 26 जनवरी 1950 क्योंकि ठीक 20 साल पहले इसी दिन 26 जनवरी 1930 को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (आई०एन०सी०) ने भारत को पूर्ण स्वराज राष्ट्र घोषित किया था और इस दिन लाहौर में पंडित जवाहर लाल नेहरु ने तिरंगा फहराया था।


              गणतंत्र दिवस – एक उत्सव 

26 जनवरी देश का उत्सव है गणतंत्र का उत्सव है। यह गांधी जयंती, और स्वतंत्रता दिवस के अलावा मनाया जाने वाला एक मात्र राष्ट्रीय पर्व है। इसे पूरे भारतवर्ष में बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है।26 जनवरी अवसर है हमारे स्वतंत्रता सेनानियों को याद करने का… मंगल पांडे, लक्ष्मी बाई, भगत सिंह का तिलक करने का… नेताजी सुभाष चन्द्र बोस, गांधी जी और लाल बाल पाल ( लाला लाजपत राय, बाल गंगाधर तिलक, बिपिन चन्द्र पाल) को नमन करने का।यह अवसर है देश के लिए हँसते-हँसते अपनी जान न्योछावर करने वाले जांबाज सिपाहियों का वंदन करने का।26 जनवरी अवसर है फक्र करने का कि तमाम विविधताओं के बावजूद हम दुनिया के सबसे बड़े गणतंत्र व लोकतंत्र हैं।यह अवसर है सीना तान कर खड़े होने का और गर्व से जन-गण-मन गाने का।


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