नई दिल्ली। राजधानी के कालकाजी मंदिर में पूजा संस्कार कराने का अधिकार एक महिला को मिला है। दिल्ली हाई कोर्ट ने साकेत कोर्ट के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश के उस फैसले को बरकरार रखा है, जिसमें उसने 16 जनवरी के फैसले में कहा गया था कि प्रतिवादी कमलेश शर्मा (62) दिवंगत पिता कालीचरण की कानूनी उत्तराधिकारी हैं।और मंदिर में पिता के 1/6 शेयर की हकदार हैं। ऐसे में कमलेश अपनी बारी आने पर मंदिर में पूजा सेवा, तहबाजारी और अन्य कलेक्शन करने की हकदार हैं। आदेश में यह भी कहा गया था कि मंदिर संस्कार के तहत अगर पुरुष ही पूजा सेवा कर सकता है तो महिला परिवार के किसी पुरुष को पूजा सेवा के लिए नियुक्त कर सकती है। इस फैसले के बाद कमलेश शर्मा द्वारा नियुक्त पुजारी राकेश भारद्वाज ने छह फरवरी से पूजा संस्कार शुरू कर दिया है।
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