नाई दिल्ली, 27 अप्रैल। भारत में बढ़ रहे कोविड- 19 के मामलों को लेकर आज सुप्रीम कोर्ट में अहम सुनवाई हुई। कोर्ट ने केंद्र से पूछा कि संकट से निपटने के लिए आपका नेशनल प्लान क्या है? क्या वैक्सीनेशन ही मुख्य विकल्प है। सुनवाई की शुरुआत में ही सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट कहा कि हमें लोगों की जिंदगियां बचाने की जरूरत है। जब भी हमें जरूरत महसूस होगी, हम दखल देंगे। राष्ट्रीय आपदा के समय हम मूकदर्शक नहीं बने रह सकते हैं। हम हाईकोर्ट्स की मदद की जिम्मेदारी निभाना चाहते हैं। इस मामले में उन अदालतों को भी अहम रोल निभाना है। सुप्रीम कोर्ट अब इस मामले पर 30 अप्रैल को सुनवाई करेगी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कोरोना के चलते पैदा हुए राष्ट्रीय संकट के इस समय अदालत मूकदर्शक नहीं रह सकती है। इस सुनवाई का मतलब हाईकोर्ट में चल रही सुनवाई को रोकना बिल्कुल नहीं है, हाईकोर्ट स्थानीय हालात को बेहतर समझ सकते हैं। कोर्ट ने कहा कि राष्ट्रीय मुद्दे पर हमारा दखल देना महत्वपूर्ण है। इसके साथ ही कोर्ट ने केंद्र सरकार से मेडिकल सुविधाएं, ऑक्सीजन सप्लाई और वैक्सीनेशन प्रोग्राम पर जानकारी मांगी है। इस पर देश की जनता भी नजर लगाई हुई है।
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