अनियमितता को लेकर क्रियान्वयन एवं प्रबंधन समिति के अध्यक्ष/सचिव, स्थानीय मुखिया के विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज कराने का आदेश।




 बेतिया, 04 अगस्त। पश्चिम चंपारण जिला के ग्राम पंचायत भुईधरवा, प्रखंड भितहाँ में विकास कार्यों में अनियमितता की लगातार मिल रही शिकायत के आलोक में अनुमंडल स्तर पर दल के माध्यम से जांच कराई गई है। जांच दल के द्वारा उक्त पंचायत के वार्ड संख्या 3, 6 एवं 8 अंतर्गत पूर्ण और क्रियान्वित योजनाओं/विकास कार्यों की स्थलीय एवं अभिलेखीय जांच करते हुए प्रतिवेदन सौपा गया है। 

ज्ञातव्य हो कि जिला प्रशासन को भुईधरवा पंचायत के उक्त वार्डों की लगातार शिकायत मिल रही थी, जिसके आलोक में अनुमंडल पदाधिकारी, बगहा को दल के माध्यम से सभी योजनाओं की जांच कराने का निर्देश जिलाधिकारी द्वारा दिया गया था।

जांच दल को जांच में काफी अनियमितता मिली हैं। पूर्व पंचायत सचिव के खि़लाफ़ अभिलेखों का प्रभार अब तक नहीं देने का प्रतिवेदन प्राप्त हुआ है। वहीं वित्तीय वर्ष 2016-17 में मुख्यमंत्री पेयजल लागू रहने के बावजूद भी 56 स्थानों पर बिना पंचायत कार्यालय के प्रशासनिक स्वीकृति के योजना लेने का भी प्रतिवेदन प्राप्त हुआ। इसी प्रकार से आरटीपीएस कार्यालय के संचालन नहीं होने में साथ-साथ कार्यालय मद में राशि के दुरुपयोग का भी प्रतिवेदन प्राप्त हुआ। वहीं समेकित रूप से कार्यालय अभिलेखों का संधारण का अभाव भी प्रतिवेदित किया गया।


जिलाधिकारी द्वारा नैसर्गिक न्याय के तहत सभी संबंधितों से स्पष्टीकरण की मांग की गई एवं उन्हें अपने बचाव में पक्ष रखने हेतु एक सप्ताह का समय दिया गया। बकाएदे इस पत्र का तामिला भी सभी से कराया गया, किंतु अपने बचाव में पक्ष रखने हेतु पर्यापत अवसर दिए जाने के बावजूद भी किसी भी जनप्रतिनिधि अथवा सरकारी कर्मी के द्वारा किसी भी माध्यम से कोई पक्ष नहीं रखा गया।

तदालोक में जिला पदाधिकारी ने मामले की समीक्षा की और समीक्षोपरांत जांच में प्राप्त अनियमितता के आलोक में ग्राम पंचायत राज- भुईधरवा के वार्ड  नं. 03, 06 एवं 08 के वार्ड क्रियान्वयन एवं प्रबंधन समिति के अध्यक्ष/सचिव, स्थानीय मुखिया के विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज कराने का आदेश प्रखंड विकास पदाधिकारी, भितहां को दिया गया है। वहीं तकनीकी सहायक, कनीय अभियंता एवं पंचायत सचिव के विरूद्ध भी प्राथमिकी दर्ज कराने के साथ-साथ विभागीय कार्यवाही का निदेश प्रखंड विकास पदाधिकारी, भितहां को दिया गया है। इसके अतिरिक्त नीलाम पत्र वाद दायर करते हुए सरकारी राशि की वसूली का भी आदेश दिया गया है। 

जहां तक स्थानीय मुखिया के विरूद्ध पंचायती राज एक्ट की धारा 18(5) के तहत पदच्यूत करने का प्रश्न है तो वर्तमान में त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाओं की 05 वषों की अवधि समाप्त हो गई है, जिसके फलस्वरूप परामर्श समिति का गठन विभाग के द्वारा करते हुए कार्यरत मुखिया को ही उसका अध्यक्ष नामित किया गया है, ऐसी स्थिति में पदच्यूत करने के बिंदु पर मार्ग-दर्शन की मांग विभाग से की गई है। विभाग से मार्ग-दर्शन प्राप्त होने पर वर्तमान कार्यरत मुखिया के पदच्यूती के संदर्भ में कार्यवाही की जाएगी।

जिलाधिकारी ने कहा है कि सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं में किसी भी प्रकार की अनियमितता या बिचौलियों की भूमिका होने पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी। सरकार की योजनाओं को शत-प्रतिशत गुणवत्तापूर्ण तरीके से लागू कराना जिला प्रशासन की प्राथमिकता है।

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