जेई/एईएस (मस्तिष्क ज्वर-चमकी बुखार) की रोकथाम हेतु सभी अस्पतालों में चिकित्सीय व्यवस्था चुस्त-दुरूस्त रखें - डी एम





बेतिया, 08 सितंबर। डीएम कुंदन कुमार ने कहा कि जेई/एईएस (मस्तिष्क ज्वर-चमकी बुखार) की रोकथाम हेतु सभी पीएचसी में चिकित्सीय व्यवस्था चुस्त-दुरूस्त रखें ताकि किसी भी विषम परिस्थिति में पीड़ितों का समुचित ईलाज किया जा सके। रोस्टर वाइज सभी डॉक्टर, नर्सेज एवं कर्मी अस्पतालों में उपस्थित रहकर तत्परतापूर्वक अपने दायित्वों एवं कर्तव्यों का निवर्हन करेंगे। किसी भी प्रकार की लापरवाही, कोताही एवं शिथिलता कतई बर्दाश्त नहीं की जायेगी। जिलाधिकारी स्वास्थ्य विभाग द्वारा किये जा रहे विभिन्न कार्यों की समीक्षा के दौरान सिविल सर्जन सहित अन्य अधिकारियों को निदेशित कर रहे थे।

जिलाधिकारी ने निदेश दिया कि जेई/एईएस से संबंधित प्रखंड और पंचायत/गांव को चिन्हित करें जहां से लगातार मामलें आ रहे हों। उन पंचायत/ग्राम को चिन्हित कर प्रोटोकॉल के अनुसार कार्रवाई करें। सिविल सर्जन एवं जिला मलेरिया पदाधिकारी स्वयं सभी कार्यों का नियमित अनुश्रवण एवं निरीक्षण करते रहेंगे। उन्होंने कहा कि जिले के सभी पीएचसी में जेई/एईएस से बचाव हेतु सभी आवश्यक दवाएं पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध कराना सुनिश्चित किया जाय। आवश्यक दवाओं के साथ-साथ पैरासिटामोल, ओआरएस, विटामिन ए सहित ग्लूकोज भी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध करायें। 

उन्होंने कहा कि जेई/एईएस एक गंभीर बीमारी है, जो अत्यधिक गर्मी एवं नमी के मौसम में फैलती है। मस्तिष्क ज्वर की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का शत-प्रतिशत अनुपालन सुनिश्चित किया जाय। साथ ही मस्तिष्क ज्वर की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी ”चमकी को धमकी” के तीन मुख्य बातें यथा-(1) खिलाओ- बच्चों को रात में सोने से पहले  भरपेट खाना जरूर खिलाएं (2) जगाओ-रात के बीच में एवं सुबह उठते ही देखें कि कहीं बच्चा बेहोश या उसे चमकी तो नहीं एवं (3) अस्पताल ले जाओ-बेहोशी या चमकी दिखते ही आशा को सूचित कर तुरंत 102 एम्बुलेंस या उपलब्ध वाहन से नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र ले जाएं का व्यापक प्रचार-प्रसार कराना सुनिश्चित करें।

जिलाधिकारी ने कहा कि कोविड-19 टेस्टिंग और वैक्सीनेशन का कार्य निर्धारित लक्ष्य के अनुरूप शत-प्रतिशत सम्पन्न कराना सुनिश्चित किया जाय। वैक्सीनेशन एवं टेस्टिंग कार्य का सेम डे में डाटा अपडेशन कार्य सम्पन्न होना चाहिए। उन्होंने निदेश दिया कि सिविल सर्जन प्रतिदिन उपरोक्त कार्यों का सतत अनुश्रवण एवं समीक्षा अपने स्तर से करेंगे।



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