उपमुख्यमंत्री, बिहार सरकार-सह-आपदा प्रबंधन मंत्री द्वारा बाढ़ राहत कार्यों की समीक्षा की।


 




बेतिया, 06 सितंबर।  उप मुख्यमंत्री, बिहार सरकार-सह-आपदा प्रबंधन मंत्री  रेणु देवी की अध्यक्षता में आज बेतिया समाहरणालय सभाकक्ष में बाढ़ राहत की समीक्षात्मक बैठक सम्पन्न हुयी। इस अवसर पर  मंत्री, पर्यटन विभाग, बिहार सरकार,  नारायण प्रसाद,  विधायक, बगहा  राम सिंह,  विधायक, चनपटिया, उमाकांत सिंह सहित संबंधित विभागों के अधिकारी, कार्यपालक अभियंता आदि उपस्थित रहे।

 रेणु देवी देवी ने कहा कि पश्चिम चम्पारण जिले में कई बार बाढ़ आपदा ने लोगों को क्षति पहुंचायी है। बाढ़ आपदा में जिला प्रशासन द्वारा बाढ़ सुरक्षात्मक कार्य, राहत कार्य बेहतर तरीके से किया गया है, जो सराहनीय है। ऐसे ही किसी भी आपदा के समय में तत्परतापूर्वक कार्य कर लोगों की भलाई के लिए कार्य करें।

 उन्होंने कहा कि बाढ़ आपदा से जुड़े सभी अधिकारी ईमानदारी एवं निष्पाठपूर्वक अपने-अपने कर्तव्यों एवं दायित्वों का निवर्हन करें। आमजन की भलाई के लिए हरसंभव कार्रवाई करें। सरकार स्तर पर बाढ़ पीड़ितों को मिलने वाली सभी सुविधाएं ससमय उन्हें मिलनी चाहिए। इस कार्य में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी या लापरवाही नहीं बरती जाय, अन्यथा कार्रवाई भी की जायेगी।

उन्होंने कहा कि जिले में कई बार बाढ़ आ चुकी है, संभावित बाढ़ के मद्देनजर सभी तैयारियां समय से पूर्व कर ली जाय। जहां-जहां कटाव, जलजमाव आदि की संभावना है, वहां सुरक्षात्मक कार्य त्वरित गति से सम्पन्न करायी जाय। साथ ही जलजमाव के कारण क्षतिग्रस्त सड़क, पुल-पुलिया आदि की मरम्मति भी शीघ्र करायी जाय।

उन्होंने कहा कि नदियों के जलस्तर में वृद्धि एवं जलजमाव के कारण हुई फसलों की क्षति का अच्छे तरीके से सर्वे कराकर प्रभावित किसानों की सूची तैयार की जाय। इसमें ध्यान रखा जाय कि वास्तविक प्रभावित किसान किसी भी सूरत में छूटे नहीं। सभी प्रभावित किसानों को सरकार द्वारा देय सहायता शीघ्र पहुंचायी जाय।

समीक्षा के क्रम में बगहा विधायक द्वारा बताया गया कि विगत महीनों नदियों के जलस्तर में हुई भारी वृद्धि के मद्देनजर एसडीएम, बगहा एवं अंचलाधिकारी द्वारा अच्छा कार्य किया गया है। उन्होंने बताया कि मसान नदी के किनारे गाइड बांध का निर्माण अतिआवश्यक है ताकि आसपास के ग्रामीणों को परेशानियों का सामना नहीं करना पड़े। साथ बगहा शहर के कैलाशनगर सहित सिसवा बसंतपुर गांव को बाढ़ से बचाने के लिए पुख्ता सुरक्षात्मक उपाय तुरंत किये जायें। उन्होंने बगहा में बड़े नाव के परिचालन हेतु अनुज्ञप्ति जारी करने की बात कही।

चनपटिया विधायक द्वारा उतरी घोघा पंचायत में निर्माणाधीन आश्रय स्थल के छत के क्षतिग्रस्त होने की बात बतायी गयी। साथ ही बिजबनिया, सेनुवरिया, डुमरी आदि जगहों पर बाढ़ सुरक्षात्मक कार्य अविलंब कराने को कहा गया। उन्होंने बताया कि नुनियहवा टोला चारों तरफ से नदी से घिरा हुआ है, जिस कारण आवागमन में ग्रामीणों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। साथ ही मझौलिया प्रखंड अंतर्गत डुमरी पंचायत का बिनटोली भी पानी से घिरा रहता है। उन्होंने कहा कि उक्त स्थलों पर पुल एवं सड़क का निर्माण कर दिया जाय तो आवागमन सुचारू हो जायेगा तथा आसपास के लोगों को सुविधा होगी।

जिलाधिकारी  कुंदन कुमार द्वारा बताया गया कि नेपाल में बहुत कम समय में बहुत अधिक मात्रा में वर्षापात एवं गंडक नदी में वाल्मीकिनगर बराज से काफी अधिक मात्रा में पानी डिस्चार्ज होने के कारण पश्चिम चम्पारण जिले में बाढ़ आने की संभावना हमेशा बनी रहती है। पूर्व में संभावित बाढ़ से निपटने के लिए लगातार समीक्षा बैठक आहूत की गयी तथा संबंधित अधिकारियों एवं कार्यपालक अभियंताओं को बाढ़, कटाव आदि से निपटने के लिए सभी तैयारियां अपडेट रखने का निदेश दिया गया था। सभी अधिकारी एवं कार्यपालक अभियंता पूर्व में ही अपनी तैयारी कर लिये थे तथा जहां-जहां कटाव की संभावना थी वहां सुरक्षात्मक कार्य पूर्ण करा लिये गये थे। बाढ़ की स्थिति में भी त्वरित गति से सुरक्षात्मक कार्य कराये गये हैं।

उन्होंने बताया कि बाढ़ के दौरान रामनगर अंचल के गुदगुदी पंचायत के मसान नदी में फंसे 28 व्यकितयों को एनडीआरएफ, अंचल अधिकारी एवं अनुमंडल पदाधिकारी, बगहा के सहयोग से रातभर बचाव कार्य चलाकर सुरक्षित निकाला गया है। वहीं बगहा-02 अंचल के बकुली पंचगांवा के बहुअरवा में पहाड़ी नदी में पेड़ पर फंसे 02 व्यक्तियों को एनडीआरएफ एवं अंचलाधिकारी, बगहा-02 के सहयोग से रात्रि एवं भारी वर्षा के बीच सुरक्षित निकाला गया।

वर्ष 2021 में अबतक बाढ़ से आंशिक रूप से प्रभावित पंचायतों की संख्या 20 है। इस दौरान 09 स्थलों पर सामुदायिक किचेन का संचालन किया गया। सामुदायिक किचेन में भोजन करने वालों की संख्या 10725 है। उन्होंने बताया कि जिले में 248 सड़क, पुल-पुलिया की मरम्मति कराकर आवागमन सुचारू किया गया। साथ ही 51 बांध/नहर की मरम्मति करायी गयी है।

जिला कृषि पदाधिकारी द्वारा बताया गया कि वर्ष 2021 में लगभग 2900 हेक्टेयर में गन्ना फसल क्षति का आकलन किया गया है। साथ ही 2478 हेक्टेयर में धान का बिचड़ा क्षतिग्रस्त हुआ है। उन्होंने बताया कि बिचड़ा की प्रतिपूर्ति के लिए 2000 क्विंटल अल्प अवधि के लिए धान बीज आकस्मिक फसल योजना के तहत प्रभावित किसानों के बीच निःशुल्क वितरण किया गया है।

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