पशुओं की रक्षा के लिए आगे आए नई पीढ़ीl

 

बेतिया,04अक्टूबर।  पीस एंबेसडर सह सचिव सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन डॉ एजाज अहमद अधिवक्ता एवं डॉ सुरेश कुमार अग्रवाल चांसलर प्रज्ञान अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय झारखंड ने विश्व पशु दिवस के अवसर पर सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन द्वारा आयोजित कार्यक्रम में कहा कि प्रत्येक वर्ष 4 अक्टूबर को विश्व पशु दिवस के रूप में मनाया जाता है,    इस दिन को 'पशु प्रेमी दिवस' के रूप में भी जाना जाता है, यह जानवरों के अधिकारों के लिए काम करने वाले व्यक्तियों एवं संगठनों की भागीदारी के माध्यम से जानवरों के प्रेम , देखभाल, स्नेह और संरक्षण को प्रोत्साहित करता है। 

विश्व पशु दिवस हर साल 4 अक्टूबर को मनाया जाता है, असीसी के फ्रांसिस का पर्व, जिसे जानवरों का संरक्षक संत माना जाता था।  जानवरों की दुर्दशा को दूर करने और उनकी सुरक्षा की दिशा में काम शुरू करने के लिए - जंगली और घरेलू दुनिया दोनों में - यह दिन पहली बार 1925 में सिनोलॉजिस्ट हेनरिक ज़िमर्मन द्वारा मनाया गया था। इस अवसर पर डॉ एजाज अहमद  डॉ सुरेश कुमार अग्रवाल डॉक्टर शाहनवाज अली अमित कुमार लोहिया एवं पश्चिम चंपारण कला मंच की संयोजक शाहीन परवीन ने कहा कि

ज़िम्मरमैन ने पहली बार 24 मार्च, 1925 को बर्लिन के स्पोर्ट पैलेस में एक कार्यक्रम का आयोजन किया था।  असीसी के सेंट फ्रांसिस के उत्सव दिवस के साथ संरेखित करने के लिए मूल रूप से 4 अक्टूबर के लिए निर्धारित कार्यक्रम में 5,000 से अधिक लोग शामिल हुए थे।

1931 में, फ्लोरेंस, इटली में विश्व संरक्षण संगठन सम्मेलन के दौरान विश्व पशु दिवस वैश्विक हो गया।  2002 में, फिनिश एसोसिएशन ऑफ एनिमल प्रोटेक्शन एसोसिएशन ने इस दिन को मनाया और यहां तक ​​कि स्कूली बच्चों को भी इसके आयोजनों में शामिल किया। पश्चिम चंपारण जिला पशुओं एवं जंगली जीव जंतुओं से भरा पड़ा है  सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन एवं विभिन्न सामाजिक संगठनों द्वारा वन विभाग वाल्मीकि टाइगर रिजर्व द्वारा इस दिशा में सकारात्मक कार्य किए जा रहे हैं,   स्मरण रहे कि महारानी विक्टोरिया के बड़े बेटे एडवर्ड 7 को मानव सेवा एवं जीव जंतुओं की प्रेम ने ही बेतिया पश्चिमी चंपारण एवं तराई के क्षेत्र  की धरती पर आने पर मजबूर किया था,  यह दिन  'पशु प्रेमी दिवस' के रूप में भी जाना जाता है  यह जानवरों के अधिकारों के लिए काम करने वाले व्यक्तियों और संगठनों की भागीदारी के माध्यम से जानवरों के प्यार, देखभाल, स्नेह और संरक्षण को प्रोत्साहित करता है।

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