बेतिया, 22 नवंबर। सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन के सभागार सत्याग्रह भवन में बिहार के महान स्वतंत्रता सेनानी अहमदुल्लाह की पुण्यतिथि पर एक बैठक का आयोजन किया गया ,इस अवसर पर अंतर्राष्ट्रीय पीस एंबेस्डर सह सचिव सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन डॉ एजाज अहमद अधिवक्ता एवं डा सुरेश कुमार अग्रवाल चांसलर प्रज्ञान अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय झारखंड ने देश पर मर मिटने वाले शहीदों एवं स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि मौलाना अहमदुल्लाह का निधन अंडमान निकोबार में 22 नवम्बर, 1881 हुई थी,
स्वतंत्रता सेनानी अहमदुल्लाह का जन्म पटना, बिहार में सन 1808 ई. को हुआ था। पहले उनका नाम अहमद बख़्श था, पर बाद में राष्ट्रीय आंदोलन ' में सम्मिलित होने पर उन्हें अहमदुल्ला नाम मिला। वे राष्ट्रीय आंदोलन के उत्साही कार्यकर्ता थे।
सन 1857 के बाद पश्चिमी सीमा प्रांत में आंदोलन हुए। ब्रिटिश सरकार को सूचना मिली कि आंदोलनकारियों को अन्य प्रदेशों के मदद पहुंचाते हैं। इसी पर 1864 ई. में अहमदुल्लाह को भी गिरफ्तार कर लिया गया। उन पर राजद्रोह का मुकदमा चला और जज ने फांसी की सज़ा दे दी। पर हाईकोर्ट ने इसे घटाकर आजीवन काला पानी में रहने और सारी संपत्ति जब्त कर देने की सज़ा में बदल दिया। महान स्वतंत्रता सेनानी
अहमदुल्ला को सन 1865 में अंडमान भेज दिया गया। उनके कुछ अन्य साथियों को भी विभिन्न सज़ाएं हुईं। उन सब की संपत्तियाँ जब्त कर ली गईं। मकान धराशायी करके उस जगह नगरपालिका का बाज़ार बना दिया गया। इस अवसर पर डॉ एजाज अहमद ,डॉ सुरेश कुमार अग्रवाल ,डॉ शाहनवाज अली ,अमित कुमार लोहिया एवं पश्चिम चंपारण कला मंच की संयोजक शाहीन परवीन ने मुख्यमंत्री के पश्चिम चंपारण आगमन के अवसर पर भारत की स्वाधीनता के अमर शहीदों एवं स्वतंत्रता सेनानियों के सम्मान में बेतिया पश्चिम चंपारण मे विश्वविद्यालय एवं राष्ट्रीय संग्रहालय भारत की स्वाधीनता की 75 वीं वर्षगांठ अमृत महोत्सव पर स्थापित करने का मांग का प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित किया गया ,इस अवसर पर डॉ एजाज अहमद ने कहा कि माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार को बेतिया पश्चिम आगमन पर विश्वविद्यालय एवं राष्ट्रीय संग्रहालय बेतिया पश्चिम चंपारण में स्थापित करने का बरसों पुराना मांग मुख्यमंत्री को सौंपा जाएगा आसमान रहे कि सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन विभिन्न सामाजिक संगठनों के साथ मिलकर लगभग एक दशक से बेतिया पश्चिम चंपारण में विश्वविद्यालय एवं राष्ट्रीय संग्रहालय सरकार द्वारा स्थापित करने की मांग करता रहा है ,सुदूर गांव एवं समाज के उपेक्षित वर्ग तक उच्च शिक्षा जिसका सपना राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, अमर शहीदों एवं स्वतंत्रता सेनानियों ने देखा था उसे अमलीजामा पहनाया जा सके!
0 टिप्पणियाँ