प्रशिक्षित चिकित्सकों की मौजूदगी में गर्भपात कराना होता हैं सुरक्षित

 



सीतामढ़ी,13 नवंबर। कोरोना संक्रमण काल के दौरान गर्भवती महिलाओं को कई तरह की समस्याओं से जूझना पड़ रहा है। सुरक्षित गर्भपात कराना भी एक तरह से बड़ी चुनौती हैं। इसको लेकर जीविका सदस्यों का आई पास डेवलपमेंट फाउंडेशन के द्वारा बथनाहा प्रखंड के रूपौली ग्राम में 2 बैच में 60 जीविका दीदी को सुरक्षित गर्भपात संबंधित कार्यक्रम आयोजित किया गया। 

60 जीविका सदस्यो को आई पास डेवलपमेंट फाउंडेशन की ओर से सुरक्षित गर्भ समापन और एमटीपी एक्ट-1971 के विषय में विस्तृत रूप से बताया गया। 


सुरक्षित गर्भपात कानूनी तौर पर वैध है इस बात की जान कारी आज भी ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं को नहीं है जिसके कारण आज भी वह गांव देहात के नीम हकीम के चक्कर में पड़कर अपना प्राण तक गंवा रही है इसी उद्देश्य से जीविका दीदियों को आई पास डेवलपमेंट फाउंडेशन के सौजन्यम से  प्रशिक्षण दिया गया। आई पास के   समुदायिक कार्यकर्त्ता सीता कुमारी देवी ने  इस विषय पर विस्तार से जानकारी दी और बताया कि  20 सप्ताह तक गर्भ समापन कराना वैद्य है, लेकिन 12 सप्ताह के अंदर एक  प्रशिक्षित डॉक्टर एवं 12 सप्ताह से उपर तथा 20 सप्ताह के अंदर तक में  दो प्रशिक्षित डॉक्टर की उपस्थिति में सदर अस्पताल या सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त अस्पताल में प्रशिक्षित डॉक्टर की  मौजूदगी में होनी चाहिये इस पर विस्तार से चर्चा किया गया, बताया गया कि समाज को जागरूक करने की जरूरत है, हमारे ब्लॉक के अस्पताल में डॉक्टर एवं नर्स उपलब्ध हैं फिर भी महिलाएं नीम हकीम के चक्कर में पड़ कर अपनी जान गंवा रही है तथा परिवार  नियोजन के स्थाई और अस्थाई  साधनो के बारे मे भी बताए । लिंग जांच के आधार पर गर्भपात कानुनन अपराध है।

इस दौरान माहवारी को लेकर विशेष रूप से सफाई के संबंध में विस्तृत जानकारी दी गयी। इस अवसर पर जीविका की स्थानीय सोशल मोबेलाइजर एवं जीविका दीदियां मौजूद थीं।


 

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