नवजात शिशु सुरक्षा कार्यक्रम पर दो दिवसीय प्रशिक्षण का हुआ समापन

 




सीतामढ़ी। 17 दिसंबर। सदर अस्पताल में नवजात शिशु सुरक्षा कार्यक्रम पर शुक्रवार को दो दिवसीय प्रशिक्षण का समापन हुआ। दो दिवसीय इस प्रशिक्षण में जिले के 31 ऐसे स्वास्थ्यकर्मियों को प्रशिक्षण दिया गया जो स्वास्थ्य केंद्रों में सीधे तौर पर प्रसव सेवा से जुड़े थे। इस प्रशिक्षण की अध्यक्षता करते हुए अस्पताल उपाधीक्षक डॉ सुधा झा ने कहा कि नवजात सुरक्षा के नए एसओपी 2020 के अनुसार प्रशिक्षण देने से जिले के नवजात शिशु के न सिर्फ मृत्यु दर में कमी आएगी बल्कि इस प्रशिक्षण से नवजात और उसकी माता को बेहतर प्रबंधन भी मिल पाएगा। प्रशिक्षण में शामिल डॉ मेंहदी हसन ने कहा कि इस प्रशिक्षण में नए एसओपी के अनुसार कुल 24 मॉड्यूल को बताया गया जिससे नवजातों का जन्म के समय प्रबंधन आसान हो जाएगा। वहीं सदर अस्पताल को लक्ष्य अस्पताल की श्रेणी में लाने में भी सहायक होगा। इस प्रशिक्षण में कुल 31 स्वास्थ्यकर्मियों ने भाग लिया जिसमें 9 स्वास्थ्यकर्मी सदर अस्पताल के थे। प्रशिक्षण प्राप्त कर रही वीणा कुमारी ने कहा कि इस प्रशिक्षण से उन्हें ऐसी बहुत सारी बातें पता चली जिससे जन्म के समय नवजात के प्रबंधन में आसानी होगी।  

दो दिनों में 24 मॉड्युल: 

प्रशिक्षण दे रहे सुप्पी के एसएमओ डॉ दीपक ने बताया कि दो दिनों के इस प्रशिक्षण में स्वास्थ्यकर्मियों को प्रसव कक्ष की तैयारी, संक्रमण से बचाव, जन्म के समय बरती जाने वाली सावधानियां, नवजातों की रूटीन की जानकारी के साथ जन्म के समय नहीं रोने वाले बच्चों के साथ बरती जाने वाली विधि और तरीकों को भी बताया गया। 

स्तनपान और कंगारू मदर केयर पर मिली जानकारी 

प्रशिक्षण में शामिल मनीषा ने बताया कि स्वास्थ्यकर्मियों के मॉड्यूल में कमजोर नवजात के लिए कंगारू मदर केयर की विधियों, स्तनपान के तरीकों, अगर महिला नवजात को स्तनपान नहीं करा पा रही है तो उसे कौन से फार्मूला मिल्क या स्तनपान नहीं होने के कारणों के बारे में बताया गया। वहीं जन्म से लेकर छह सप्ताह तक केवल स्तनपान के बारे में भ बताया गया। दो दिवसीय प्रशिक्षण में सदर अस्पताल की उपाधीक्षक डॉ सुधा झा, सुरभि चर्तुवेदी, मनीषा, डॉ मेहदी हसन, सुप्पी के एमएमओ डॉ दीपक सहित अन्य स्वास्थ्यकर्मी मौजूद थे।

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