आईएसएमपी छत्तीसगढ़ द्वारा "मानव जीवन:चिंतन, समस्याएं एवं समाधान " पर एक दिवसीय वेबिनार कार्यक्रम संपन्न

 










रायपुर,18 दिसंबर। इंटीग्रेटेड सोसाइटी ऑफ़ मीडिया प्रोफेशनल्स आईएसएमपी छत्तीसगढ़ की प्रोविंशियल कौंसिल द्वारा महर्षि जग ज्योति की कृति "विकल्पावली" के आलोक में मानव जीवन पर चिंतन, समस्याएं एवं समाधान विषय पर बुधवार 15 दिसंबर 2021 को एक दिवसीय ऑनलाइन वेबिनार का आयोजन किया गया।

जिसमें मुख्य वक्ता के रूप में सुप्रसिद्ध मानस मर्मज्ञ आचार्य श्री सुरेंद्र बिहारी गोस्वामी मौजूद रहे। उन्होंने कहा कि व्यक्ति को स्वयं के गुणों का ज्ञान होना चाहिए। अपने अच्छे आचरण को हमेशा बनाये रखना चाहिए।वक्ता ने यह बात एक गाय के बछड़े और सेठ के बेटे के उदाहरण के रूप मे बताया। व्यक्ति कितने जल्दी अपने अच्छे या बुरे व्यवहार को भूल जाता है और दूसरों के साथ बुरा करने लगता है। व्यक्ति को स्वार्थ के रास्ते पर नहीं परमार्थ के रास्ते पर चल कर अपना जीवन सुधारना चाहिए। अपने अच्छे कर्मों के कारण ही मनुष्य एक अच्छे समाज का निर्माण करता है। समाज में अपने अच्छे गुणों व अच्छे कर्मों से जाना जाता है।


वेबिनार में विषय प्रवर्तन के रूप में बिलासपुर की समाज चिंतक रोमा सिंह देव ने महर्षि जग ज्योति की जीवन यात्रा से परिचित करवाया।

विशिष्ट वक्ता के रूप में पूर्व प्राचार्य पीपीएनपीजी कॉलेज, कानपुर डॉ. प्रमिला अवस्थी ने कहा कि व्यक्ति में व्यक्तित्व का निर्माण उसके श्रेष्ट कर्मो से होता है। व्यक्ति का व्यवहार उनमे संस्कारों का निर्माण करता है जो उन्हें अंधकार से प्रकाश की और लेकर जाते है। आज मनुष्य का मन अपने इन्द्रियों के नियंत्रण में है जब तक मनुष्य अपनी इन्द्रियों पर नियंत्रण नहीं करेगा एक अच्छे समाज का निर्माण नहीं कर सकेगा। व्यक्ति अपने जीवन में भौतिकता के भ्रम में जीता है। भौतिकतावादी समाज में ही आचरण करता है इसलिए जीवन में तनाव आने पर वह गलत रास्तों पर चलता है ना की अपनी बुद्धि बल का उपयोग कर सही रास्तों पर चलता है।


डॉ.(लेफ्टिनेंट) मंजूभारती ने अपने संबोधन में कहा कि मनुष्य का जीवन अच्छे संस्कारो को ग्रहण करने और अपनी आने वाली पीढ़ी को अच्छा संस्कार देने के लिए बना है। मनुष्यों में अच्छे संस्कार का होना अति आवश्यक है। आज मनुष्य का जीवन व्यस्तता से परिपूर्ण है जिसके चलते वह अपने परिवार से दूर होता चला जा रहा है । आज का युग तकनीकों से भरपुर तथा आधुनिक युग का है, जिसमे मनुष्य अपने जीवन मूल्यों को भूल चुका तो ही साथ ही अपने परिवार के साथ ही बात करने के लिए उन्हे तकनीकों का सहारा लेना पड़ता है। डिजिटल मीडिया और सोशल मीडिया पर मनुष्य ज्यादा समय बिताना पसंद करता है ना की अपने परिवार के साथ ।मनुष्य अपने आपको बहुत बड़ा बताने के चककर मे छोटी-छोटी गलतियां कर बैठता है और अपने जीवन मूल्यों को क्षीण करता जा रहा है। सोशल मीडिया ने मनुष्य को आत्म केंद्रित बना दिया है। वह केवल अपने बारे मे ही सोचता रहता है।


मथुरा के रामाश्रम सत्संग के आचार्य चन्द्रिका प्रसाद राय ने कहा कि मनुष्य में चिंतन का होना आवश्यक है जब तक वह किसी भी प्रकार का चिंतन नहीं करेगा तब तक वह सही गलत में फर्क नहीं कर पायेगा। मन ही मनुष्य की हर समस्या का कारण भी है और समाधान भी मन ही है। मन ही बल देता है और मन ही मोक्ष। आज के युग मे मनुष्य दिखावे और आडंबर का जीवन जीना पसंद करता है और यही आज के नये युग की परिभाषा बन गया है। जो हमारे भविष्य मे आने वाली पीढ़ी के लिए निश्चित ही हानिकारक सिद्ध होगा।आज के मीडिया और सिनेमा ही मनुष्य के आदर्श हो गए है जैसा उन सिनेमा मे दिखाया जाता है। वैसा ही व्यवहार आज मनुष्य अपने जीवन मे करता है। मीडिया भी मनुष्य के जीवन के हर पहलू को बढ़ा-चढ़ाकर प्रसारित करता है जिससे भी मनुष्य काफी हद तक तनाव में रहता है।


वेबिनार में आर जे एवं पत्रकार वर्षा गलपंडे ने अपने विचार रखते हुए कहा कि मनुष्य का जीवन व्यर्थ नहीं है उसमे चिंतन करने की क्षमता है तभी वो अन्य जीविन से भिन्न है। यह चिंतन करने का गुण मनुष्य को ईश्वर् से उपहार स्वरूप मिला है तो क्यों ना मनुष्य अपने बुरे आचरणों को छोड़कर सही रास्ते पर चले। मनुष्य को हमेशा अच्छे कर्म करना चाहिए। वह अच्छे कर्म करेगा तो बदले में अच्छा ही उसे मिलेग। वक्ता ने व्यक्ति के चिंतन की समझ के बारे में बताया कि मनुष्य अपने जीवन में अनेक प्रकार के तनावों से गुजरता है और अपनी जिम्मेदारियों को भी निभाता है।


चम्पारण नीति पश्चिमी चंपारण के संपादक आदित्य कुमार दुबे ने आज के समाज पर मानसिक चिंता जैसे विषय में अपनी बात रखी और महर्षि जग ज्योति के विचारों से अवगत करवाया।


वेबिनार की अध्यक्षता करते हुए सीजीबीईसी के चेयरमैन चंद्रशेखर ने कहा कि सभी वक्ता ने अपने विचारों से मानव जीवन, चिंतन, समस्याएं एवं समाधान पर एक नया दृष्टिकोण दिया है जिसे जीवन में अपनाने की आवश्यकता है। आईएसएमपी छत्तीसगढ़ के चेयरमैन डॉ. शाहिद अली को इस सफल आयोजन के लिए शुभकामनाएं दी।


वेबिनार में काफी संख्या में देश भर के प्रोफेसर, विद्यार्थी, शोधार्थी, शिक्षकगण एवं समाज सुधारक ने हिस्सा लिया।


डॉ. शाहिद अली,चेयरमैन

इंटीग्रेटेड सोसाइटी ऑफ मीडिया प्रोफेशनल्स,रायपुर, छत्तीसगढ़


रिपोर्ट: समाचार संपादक केआर राव

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