5 साल तक के बच्चों को बीमारियों से सुरक्षित रखने के उद्देश्य से लगाया जाता है टीका





मोतिहारी, 24 फरवरी । जिले के आंगनबाड़ी केंद्रों पर आरोग्य दिवस के दौरान बच्चों का टीकाकरण किया जा रहा है। जिसमें बच्चों के स्वास्थ्य संबंधित जानकारियां उनके माताओं को दी गई। वहीं प्रशिक्षित एएनएम द्वारा बच्चों का टीकाकरण भी किया गया। इस अवसर पर सेविका, सहायिका  द्वारा महिलाओं के स्वास्थ्य के विषय में भी कई महत्वपूर्ण जानकारियां दी गई।

मोतिहारी सदर प्रखंड के पतौरा स्थित आंगनबाड़ी केंद्र संख्या 64 में 0 से 5 साल तक के बच्चों को सुरक्षित रखने के उद्देश्य से टीका लगाया गया। इस अवसर पर सेविका इंदु देवी , सहायिका गीता देवी ने बताया कि सरकार शिशुओं के लिये विभिन्न कार्यक्रमों का संचालन करती है। इन्हीं में से एक है बच्चों के लिये संपूर्ण टीकाकरण की व्यवस्था। जो न केवल बच्चों को 12 जानलेवा बीमारियों से बचाता है बल्कि नवजात व शिशुओं के शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता का भी विकास करता है। ताकि,बच्चों को बीमारियों से बचाया जा सके।


- आंगनबाड़ी सेविका व सहायिका डोर टू डोर भ्रमण कर महिलाओं को करती हैं जागरूक:


सीडीपीओ संध्या कुमारी ने बताया कि आंगनबाड़ी क्षेत्रों में सेविका व सहायिकाओं द्वारा डोर टू डोर भ्रमण कर गर्भवती और धातृ माताओं को बच्चों के स्वास्थ्य संबंधित कई जानकारियां उपलब्ध कराई जाती हैं। उन्हें नवजात शिशुओं को छ: महीने तक केवल स्तनपान कराने के महत्व के बारे में जानकारी देने, प्रसव के तुरंत बाद एक घंटे के अंदर स्तनपान एवं सातवें महीने से हल्का ऊपरी आहार के साथ स्तनपान कम से कम दो वर्षों तक कराने की जानकारी दी जा रही है। वहीं महिलाओं को संतुलित आहार लेने संबंधित सलाह दी गई ।ताकि जच्चा, बच्चा के अंदर रोग प्रतिरोधक क्षमता बनी रहे।


- स्तनपान से नवजात शिशुओं में मृत्यु की संभावना कम होती है:


वार्ड नं 10 की आंगनबाड़ी सेविका ज्योति देवी ने बताया कि जन्म के पहले घंटे में स्तनपान शुरू करने वाले नवजात शिशुओं में मृत्यु की संभावना लगभग 20 प्रतिशत तक कम हो जाती है। इसके साथ ही पहले छह महीने तक केवल स्तनपान करने वाले शिशुओं में डायरिया एवं निमोनिया जैसी संक्रमण से होने वाली मृत्यु की संभावना 11 से 15 गुना तक कम हो जाती है। स्तनपान करने वाले शिशुओं का समुचित ढंग से शारीरिक एवं मानसिक विकास होता है


- शिशु मृत्यु दर से बचाव के लिए जरूरी है टीकाकरण;

 जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ शरत चन्द्र शर्मा ने बताया कि शिशुओं के  टीकाकरण के जरिए बच्चों को संक्रामक रोगों के विरुद्ध सुरक्षित किया जाता है। इससे बच्चे में रोग प्रतोरोधक क्षमता का विकास होता है। टीकाकरण के कारण बच्चे में रोगों के संक्रमण में भी बचाव होता है। साथ ही, समय से बच्चों को प्रतिरक्षित करने से बच्चों में होने वाली सामान्य रोगों में भी कमी आती है। उन्होंने बताया, शिशु मृत्यु दर के प्रमुख कारणों में से अनेक ऐसी बीमारियां हैं, जिनको नियमित टीकाकरण के माध्यम से रोका जा सकता है। लेकिन इन सभी टीकों का सही समय पर दिया जाना भी महत्वपूर्ण है। ताकि, बच्चों को बीमारियों से बचाया जा सके। बच्चों में होने वाले पोलियो, टीबी, खसरा एवं रूबेला, निमोनिया, डायरिया, हैपेटायटीस-बी, गलाघोंटू, काली खांसी, दिमागी बुखार एवं टीटनेस जैसे कई गंभीर रोगों से टीकाकरण बचाव करता है एवं शिशु मृत्यु दर में काफ़ी कमी लाता है।

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