मोतिहारी, 05 फरवरी। पूर्वी चम्पारण जिले के अरेराज अनुमंडलीय अस्पताल के शिशु वार्ड में नवजात व शिशुओं को संक्रामक रोग से बचाव के लिए टीकाकरण किया जा रहा है। नवजात शिशुओं को जन्म के बाद संक्रमण से बचाव के लिए टीकाकरण कराया जाना आवश्यक होता है। क्योंकि नवजात शिशुओं के शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता में कमी के कारण कई गम्भीर रोग हो सकते हैं। यह कहना है अरेराज अनुमंडलीय अस्पताल के उपाधीक्षक उज्ज्वल कुमार का। उन्होंने बताया कि अभी के समय मे बच्चों को ठंड से बचाव के साथ ही खास देखभाल की जानी चाहिए।
बच्चों को दिए जाने वाले आवश्यक टीका हैं उपलब्ध-
शिशु वार्ड में कार्यरत एएएनएम सुमन कुमारी ने बताया कि बच्चों को दिए जाने वाले आवश्यक टीका उपलब्ध हैं। बच्चों के माता पिता को सलाह देते हुए उन्होंने बताया कि बच्चों को सही समय पर टीके लगवाने चाहिए। ताकि बच्चा ठंड के मौसम में बीमारियों से भी सुरक्षित रहे।
बच्चों के लिए उपलब्ध हैं ये टीके-
अनुमंडलीय अस्पताल में कार्यरत एएनएम सुमन कुमारी व स्वास्थ्य कर्मी प्रेम कुमार पांडेय ने बताया कि अस्पताल में खसरा, टेटनस, पोलियो, क्षय रोग, गलघोंटू, काली खांसी, हेपटाइटिस -बी के टीके बच्चों को दिए जा रहे हैं। ताकि बच्चे इन सभी बीमारियों से बचें।
कंगारू केयर जरूरी है-
सुमन कुमारी ने कहा कि नवजात एवं छोटे बच्चों के माता पिता को विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है। उन्होंने बताया कि टीके लगवाने से बच्चे के शरीर की रोग से लड़ने की शक्ति बढ़ती है। टीकाकरण से बच्चों में कई संक्रामक बीमारियों की रोकथाम होती है। उन्होंने बताया कि ठंड के मौसम में बच्चों को निमोनिया, कोल्ड डायरिया, सर्दी, खाँसी, बुखार के साथ अन्य ठंड जनित रोगों का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए बच्चों को हमेशा गर्म कपड़े पहनाएं। किसी प्रकार की लापरवाही नहीं बरतें। शिशु का रात में सोते वक़्त भी विशेष ख्याल रखें। बच्चे की माँ अपने नवजात को सीने से लगाकर रखें क्योंकि कंगारू केयर जरूरी है।
छः माह से कम आयु के बच्चों को सिर्फ माँ का दूध ही दें-
अस्पताल उपाधीक्षक उज्ज्वल कुमार ने बताया कि शिशु को रात में गीले में न सोने दें। छः माह से कम आयु के बच्चों को सिर्फ माँ का दूध ही दें। किसी भी प्रकार का बाहरी भोजन न दें। साथ ही समय समय पर सभी टीकाकरण अवश्य ही कराएं। रात में बच्चों को भोजन अवश्य कराएं। खाली पेट नहीं सोने दें।
0 टिप्पणियाँ