राष्ट्रव्यापी मजदूर हड़ताल के दूसरे दिन एन एच 727 को जाम कर प्रधानमंत्री मोदी का पुतला जलाया

 

         


 चंपारण,29 मार्च। आज देश के मजदूरों के हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं। महॅंगाई के आगे वेतन बेमानी होते जा रहे हैं। छंॅटनी, तालाबंदी व बेरोज़गारी से आम-जन त्रस्त है। जिनके पास आज नौकरी है। वह भी मॅंहगाई से पार पाने के लिए 16-18 घंटे बिना किसी छुट्टी के काम करने के लिए मजबूर है। बहुमत मजदूर को कम वेतन पर और बिना किसी सामाजिक सुरक्षा के काम करना पड़ता है और इस बात की कोई गारंटी नही है कि कल नौकरी होगी, कि नही। दो-तरफा मार है, या तो रोजगार नही है, या रोजगार है भी, तो कम वेतन पर और बहुत मुश्किल हालत में और इसका सीधा लाभ बड़े-बड़े पूंजीपति घरानों को हो रहा है । इसके साथ ही मजदूरों के औद्योगिक विवाद सालों चलते रहते हैं। जिससे स्पष्ट है कि आपकी सरकार श्रमिकों के रोजगार और जीवन सुरक्षा सुनिश्चित करना प्राथमिकता में बिल्कुल नही है। यह क्रूरतापूर्ण है । आपकी सरकार ने कोरोना काल में देश के मजदूरों को कोई राहत नही दी है और वह अकेले ही दवाइयों व आक्सीजन की कमी से मर गए। जिस कारण देश के मजदूरों के परिवार तबाह हो गए। इन दुःखद हालात और लाॅकडाउन नियमों के चलते, जब तमाम पाबंदियों के जरिए मजदूरों के विरोध की आवाज को आपकी सरकार द्वारा पूरी तरह दबाने का प्रयास करते हुए विदेशी व देशी पूजीपतियों के पक्ष में चार श्रमिक-विरोधी लेबर कोड पारित कर सरकारी-सार्वजनिक क्षेत्र-रेलवे, बैंक, बीमा, गैस, रक्षा, एयर इंडिया, इस्पात, कोयला, बी.एस.एन.एल, पोर्ट व अन्य तमाम उद्योगों को काॅरपोरेट मुनाफाखोरों को निजीकरण व ‘‘असेट मोनिटाईजेशन‘‘ के नाम पर सस्ते-से-सस्ते दामों पर दिया जा रहा है। इससे बेरोजगारी और रोजगार की असुरक्षा की समस्या और बढ़ेगी। 

*ये आप वही हैं जो कहते थे, कि ‘‘देश नहीं बिकने दंूगा-ये देश नहीं रूकने दंूगा* 

         मोदी सरकार की इन्ही देशविरोधी नीतियों के चलते देश की आत्मनिर्भरता समाप्त हो जाएगी व देशवासियों का भविष्य अंधकारमय हो जाएगा। सरकार द्वारा बनाने गये 4 श्रम कोड की पडताल करने से पता चल रहा है कि मजदूरों की नौकरी की सुरक्षा समाप्त है और ठेकेदारों को लूटने की पूरी छूट, यूनियन बनाने और हड़ताल के अधिकार पर हमला व लेबर कोर्ट को समाप्त करने के विरुद्ध एकजुट आन्दोलन की आवश्यकता पर बल देने के को जरूरत है ।

        देश के मजदूरों की माॅंगों पर 2 दिनों की देश व्यापी हड़ताल करने की घोषणा की थी। 

         देश के केन्द्रीय ट्रैड यूनियनों व फेडरेशनों द्वारा घोषित हडताल में हिस्सेदारी करने के लिये के लिए आज दूसरे दिन 29 मार्च को सीटू तथा एटक के नेतृत्व में विशाल जुलूस निकाल कर बेतिया स्टेशन चौक पर एन एच 727  को जाम कर प्रधानमंत्री का पुतला जलाया गया ।

             राष्ट्रीय राज मार्ग जाम करने वालों में मुख्यरूप से बिहार राज्य किसान सभा के संयुक्त सचिव प्रभुराज नारायण राव , एटक के वरिष्ठ नेता ओमप्रकाश क्रांति , सीटू के जिला मंत्री शंकर कुमार राव , खेतिहर मजदूर यूनियन के जिला मंत्री प्रभुनाथ गुप्ता , डी वाई एफ आई के जिला मंत्री म.हनीफ , सुशील श्रीवास्तव , सुनील यादव , सदरे आलम , बी एस एस आर यूनियन के , ई रिक्शा चालक संघ के महासचिव नीरज बरनवाल , तांगा चालक संघ के अध्यक्ष प्रकाश वर्मा , राधामोहन यादव , अंजारुल  आदि थे 

हड़ताल की मांगें

1. महंगाई पर रोक लगाते हुए घोषित वेतन को सख्ती से लागू कर दिल्ली एनसीआर में एक समान वेतन लागू करो और मंहगाई अनुसार न्यूनतम वेतन रु0-26,000/- एव पेंशन रु0-8,000/- की घोषणा कर सभी श्रम कानूनों को सख्ती से लागू करो।

2. चार लेबर कोड कानूनों को रद्द कर बिजली (संशोधन) विधेयक को निरस्त करो।

3. कोरोना महामारी में बेरोजगार श्रमिकों को प्रति माह रु0-7500/- की आर्थिक सहायता मुहैया करवाओ।

4. शहरों में रोजगार गारंटी योजना लागू करो और मनरेगा के लिए बजट बढ़ाओ।

5. छंटनी, वेतन-कटौती, मालिकांे की मनमानी, श्रमिक कानूनों की अवहेलना, श्रम विभाग में भ्रष्टाचार व सरकारी संस्थानों के निजीकरण तथा एन0एम0पी0 पर रोक पर लगाओ।

6. सभी क्लेम-विवादों का तय समय में निपटान कर कार्यस्थल पर सुरक्षा सुनिश्चित करो।

7. सभी श्रमिकों को राशन कार्ड दो और राशन में सभी खान-पान की वस्तुएं सस्ती दर पर उपलब्ध करवाने के साथ ही सस्ते आवास, बिजली, पानी व अन्य जनसुविधाएं दो।

8. श्रमिकों को स्वास्थ्य सुविधाएं, इलाज की व्यवस्था करो ई.एस.आई. (सी.) व ई. पी. एफ. के तहत कवरेज कर पुरानी पेंशन योजना बहाल करो।

9. स्थाई स्वरूप के काम में लगे सभी ठेका श्रमिकों उनके कार्य स्थलों पर पक्का कर सारी सुविधा दो।

10. प्रवासी श्रमिकों सहित सभी अंसगठित श्रमिकों का रजिस्ट्रेशन निश्चित समय में पूरा कर असंगठित श्रमिकांे का सामाजिक सुरक्षा बोर्ड गठित करो और सुप्रीम कोर्ट के आदेश दिनाॅंक  29.06.2021 को पूर्णतः लागू करते हुए ठेकेदारों को लाईसेंस व फर्म का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य करो।

11. असंगठित क्षेत्र के  दैनिक मजदूर-पल्लेदार, रिक्शा व ई-रिक्शा चालकों, आॅटो-टैक्सी चालक, घरेलू कामगार, घर खाता कामगार इत्यादि करोड़ों कामगारों की समाजिक सुरक्षा के लिए राज्यस्तरीय वेलफेयर बोर्ड का गठन व बजटीय आवंटन किया जाए।

12. आंगनवाड़ी, आशा, मिड डे मील और अन्य योजना कर्मियों के लिए वैधानिक न्यूनतम वेतन और सामािजक सुरक्षा लागू करो।

                 

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ