पूरी दुनिया तक पहुंचाया जाएगा महात्मा गांधी स्वच्छता एवं सद्भावना संदेश

 




बेतिया, 15 मार्च। पश्चिम चंपारण सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन के सभागार सत्याग्रह भवन में भारत की स्वाधीनता की 75 वीं वर्षगांठ आजादी के अमृत महोत्सव वर्ष पर  सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन एवं विभिन्न सामाजिक संगठनों द्वारा  महात्मा गांधी स्वच्छता एवं सद्भावना संदेश  का आरंभ किया गया। इस अवसर पर ब्रांड एंबेसडर स्वच्छ भारत मिशन सह सचिव सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन  डॉ0 एजाज अहमद (अधिवक्ता) डॉ सुरेश कुमार अग्रवाल चांसलर प्रज्ञान अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय झारखंड एवं डॉ शाहनवाज अली ने संयुक्त रूप से कहा कि स्वच्छता, पर्यावरण संरक्षण, जलवायु परिवर्तन की रोकथाम,सत्याग्रह, गांधी दर्शन, सामाजिक सद्भावना, राष्ट्रीय एकता, सामाजिक कुरीतियों से मुक्ति, स्वच्छ भारत मिशन एवं विश्व शांति के लिए विभिन्न सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों बुद्धिजीवियों एवं गांधीवादी चिंतको द्वारा संयुक्त रूप से यह निर्णय लिया गया है कि आगामी 2 वर्षों तक देश दुनिया तक महात्मा गांधी स्वच्छता एवं सद्भावना संदेश  देश दुनिया तक पहुंचाया जाएगा। जिससे नई पीढ़ी को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी एवं कस्तूरबा गांधी के आदर्शों एवं मूल्यों को जानने एवं समझने का अवसर प्राप्त होगा। स्मरण रहे कि महात्मा गांधी एवं कस्तूरबा गांधी ने 105 वर्ष पूर्व 1917 में बेतिया पश्चिम चंपारण में स्वच्छता एवं सद्भावना के लिए आम जनमानस को लामबंद किया था। इस अवसर पर डॉ एजाज अहमद, डॉ सुरेश कुमार अग्रवाल,बिहार विश्वविद्यालय के इतिहास विभाग के डॉक्टर शाहनवाज अली , पश्चिम चंपारण कला मंच की संयोजक शाहीन परवीन, अमित कुमार लोहिया, वरिष्ठ समाजसेवी नवीदूं चतुर्वेदी एवं वरिष्ठ अधिवक्ता शंभू शरण शुक्ल ने कहा कि अमृत महोत्सव महात्मा गांधी स्वक्षता एवं सद्भावना संदेश देश के युवाओं में राष्ट्र के प्रति जागृति, राष्ट्रीय एकता, सद्भावना एवं देश की स्वतंत्रता आंदोलन में अपने पुरखों के बलिदान को नई पीढ़ी को समझाने में मील का पत्थर साबित होगी। इससे भारत के सदियों पुराने सत्य अहिंसा एवं आपसी प्रेम के संदेश को विश्व के कोने कोने तक पहुंचाया जा सकेगा एवं यूक्रेन रूस संघर्ष, पश्चिम एशिया,दक्षिण एशिया समेत विश्व में स्थाई रूप से शांति स्थापित हो सकेगी। जिसका सपना बरसों पहले महात्मा गांधी एवं संयुक्त राष्ट्र संघ के निर्माताओं ने देखा था।

 

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ