पटना, 20अप्रैल। फाइलेरिया उन्मूलन को गति देने की मुहिम तेज कर दी गयी है. इसको लेकर बुधवार को विश्व स्वास्थ्य संगठन के पटना स्थित कार्यालय में एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस दौरान फाइलेरिया संक्रमण की स्तिथि की पहचान के लिए नाईट ब्लड सर्वे यानी रात्रि रक्त सर्वेक्षण पर प्रतिभागियों को विस्तार से जानकारी दी गयी. राज्य के 6 जिलों में नाईट ब्लड सर्वे का आयोजन किया जाना है. जिसमें नवादा, नालंदा, लखीसराय, दरभंगा, समस्तीपुर और रोहतास जिले शामिल हैं. इन जिलों में मई के प्रथम दो सप्ताह में नाईट ब्लड सर्वे संबंधित गतिविधि पूरा किया जाएगा. इस दौरान लैब तकनीशियन एवं वेक्टर बोर्न डिजीज कंट्रोल के अधिकारी भी मौजूद थे. प्रशिक्षण का संचालन अपर निदेशक सह फाइलेरिया के राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ. विपिन कुमार सिन्हा की अध्यक्षता में हुआ.
लैब तकनीशियन की संपूर्ण जानकारी जरुरी:
कार्यक्रम के दौरान प्रतिभागियों को विश्व स्वास्थ्य संगठन के राज्य समन्वयक डॉ. राजेश पांडेय द्वारा प्रशिक्षण दिया गया. उन्होंने नाईट ब्लड सर्वे की सफलता के लिए लैब तकनीशियन की निपुणता को अहम बताया. उन्होंने नाईट ब्लड सर्वे करने की सही विधि एवं इसकी उपयोगिता पर विस्तार से जानकारी भी दी. उन्होंने बताया कि फाइलेरिया उन्मूलन के लिए नाईट ब्लड सर्वे के द्वारा फाइलेरिया परजीवी की मौजूदगी जानना सबसे महत्वपूर्ण सूचकांक है. इसके लिए चिन्हित गाँव एवं शहरी क्षेत्रों में रात्रि यानी 8.30 से 12 के बीच में नाईट ब्लड सर्वे करना जरुरी है एवं इस सर्वे में अधिकतम लोगों की उपस्थिति सुनिश्चित करना भी जरुरी है.
सर्वे की पूरी तैयारी करने पर जोर:
प्रशिक्षण का संचालन फाइलेरिया के राज्य सलाहकार डॉ. अनुज रावत ने किया. साथ ही डॉ. रावत ने नाईट ब्लड सर्वे के लिए चिन्हित जिलों को नाईट ब्लड सर्वे से संबंधित जानकारी एवं अन्य सूचनाओं के आदान-प्रदान की जरुरत पर बल दिया. इससे संबंधित सभी 6 जिलों को एक आधिकारिक पत्र जारी करने का भी निर्देश दिया गया.
इस दौरान सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च सहित केयर इण्डिया एवं लेप्रा के अधिकारी भी मौजूद रहें एवं कार्यक्रम को सफ़ल बनाने में अपनी भूमिका सुनिश्चित करने की बात कही.
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