भारत में रेडियो सर्विस को ऑल इंडिया रेडियो नाम दिए जाने की 87 वीं वर्षगांठ पर बेतिया मे कार्यक्रम का आयोजन।

 


पटना, 08 जून (हि.स)। भारत में रेडियो सर्विस को ऑल इंडिया रेडियो नाम दिए जाने की 87 वीं वर्षगांठ पर सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन के सभागार सत्याग्रह भवन में एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसमें विभिन्न सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों, बुद्धिजीवियों एवं छात्र छात्राओं ने भाग लिया। इस अवसर पर अंतरराष्ट्रीय पीस  एंबेस्डर सह सचिव सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन डॉ एजाज अहमद अधिवक्ता, डॉ सुरेश कुमार अग्रवाल चांसलर प्रज्ञान अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय झारखंड ,डॉ शाहनवाज अली, अमित कुमार लोहिया, वरिष्ठ अधिवक्ता शंभू शरण शुक्ल ,सामाजिक कार्यकर्ता नवीदू चतुर्वेदी, पश्चिम चंपारण कला मंच की संयोजक शाहीन परवीन एवं अल बयान के संपादक डॉ सलाम ने संयुक्त रूप से कहा कि 8 जून

1936 में आज ही के दिन भारतीय रेडियो सेवा को ऑल इंडिया रेडियो नाम मिला था। इससे पहले इसे इंडियन स्टेट ब्रॉडकास्टिंग सर्विस के नाम से जाना जाता था। आगे चलकर इसे आकाशवाणी के नाम से भी जाना गया। भारत में रेडियो की शुरुआत 23 जुलाई 1927 को हुई। रेडियो क्लब ऑफ बॉम्बे से शुरू हुआ सफर 94 साल बाद देश की 99.18% आबादी तक पहुंच चुका है।23 जुलाई 1927 को बॉम्बे एवं 5 महीने बाद कलकत्ता में रेडियो का प्रसारण शुरू हुआ। 12 साल बाद अक्टूबर 1939 में ऑल इंडिया रेडियो की विदेश सेवा शुरू की गई। इसी साल पहली बार पश्तो भाषा में भी प्रसारण शुरू हुआ।

आजादी के वक्त भारत में 9 रेडियो स्टेशन नियमित प्रसारण करना शुरू कर चुके थे। जब भारत-पाकिस्तान अलग हुए तो इनमें से 3 पाकिस्तान में चले गए। उस समय तक भारत की केवल 11% आबादी तक ही ऑल इंडिया रेडियो की पहुंच थी।

1956 में ऑल इंडिया रेडियो को आकाशवाणी नाम दिया गया और अगले ही साल विविध भारती शुरू किया गया। कहा जाता है कि रेडियो सीलोन को टक्कर देने के लिए विविध भारती शुरू किया गया था। धीरे-धीरे आकाशवाणी में कार्यक्रमों का विस्तार किया गया। संगीत, नाटक, क्रिकेट कमेंट्री और अलग-अलग विधाओं से जुड़े प्रोग्राम प्रसारित करना शुरू किए गए।

उसके बाद आकाशवाणी ने दिन दोगुनी रात चौगुनी तरक्की की। आज आकाशवाणी दुनिया के सबसे बड़े ब्रॉडकास्टिंग संस्थान में से एक है। देशभर में 262 रेडियो स्टेशन के जरिए भारत की 99.18% आबादी तक इसकी पहुंच है। 25 से भी ज्यादा भाषाओं में 100 से भी ज्यादा देशों में आकाशवाणी के जरिए प्रसारण किया जाता है।

आकाशवाणी का समाचार विभाग रोजाना अलग-अलग भाषाओं में 647 समाचार बुलेटिन का प्रसारण करता है।

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