परवरिश योजना के तहत 1172 बच्चे को किया गया चिन्हित, शीघ्र ही किया जायेगा लाभान्वित।




बेतिया, 27 जुलाई।  डीएम  के निदेश के आलोक में जिले के कुल-1172 बच्चों को मिशन मोड में कार्य करते हुए चिन्हित किया गया है। शीघ्र ही चिन्हित बच्चों को परवरिश योजना के तहत लाभान्वित किया जायेगा। 

  सहायक निदेशक, जिला बाल संरक्षण इकाई  अभय कुमार द्वारा बताया गया कि जिलाधिकारी महोदय के निदेशानुसार जिले के पात्र बच्चों को परवरिश योजना से लाभान्वित करने हेतु 21 जुलाई को समूचे जिले में मुहिम चलाया गया था। इस मुहिम में शिक्षा, स्वास्थ्य, आइसीडीएस विभाग शामिल रहें। सभी के समन्वित प्रयास से जिले में अबतक कुल-1172 ऐसे बच्चों को चिन्हित कर लिया गया, जिन्हें परवरिश योजना के तहत लाभ दिया जा सकता है। चिन्हित बच्चों को परवरिश योजना से आच्छादित करने की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गयी है।

   ज्ञातव्य हो कि परवरिश योजना अंतर्गत 0 से 18 वर्ष उम्र समूह के बच्चों के लिए एक हजार रूपये प्रतिमाह अनुदान दिया जाता है। आवेदन करने की प्रक्रिया भी अत्यंत ही सरल है। आवेदन पत्र आंगनबाड़ी केन्द्र की सेविका के पास निःशुल्क प्राप्त किया जा सकता है। आवेदन पत्र विभाग के वेबसाईट http//:socialwelfare.bih.nic.in पर उपलब्ध है। आवेदक, आवेदन पत्र भरकर एवं आवश्यक कागजात संलग्न कर संबंधित क्षेत्र की आंगनबाड़ी सेविका के पास जमा करायेंगे। एचआईवी पोजेटिव एड्स एवं कुष्ठ रोग के मामले में आवेदन पत्र भरकर सीडीपीओ (बाल विकास परियोजना पदाधिकारी) के कार्यालय में जमा करायेंगे।

अनाथ एवं बेसहारा बच्चे जो अपने निकटतम संबंधी अथवा अपने रिश्तेदार के साथ रहते हैं। एचआईवी पोजेटिव एड्स से पीड़ित माता/पिता के बच्चे अथवा कुष्ठ रोग से (ग्रेड-02) से पीड़ित माता/पिता की संतान को परवरिश योजना से लाभान्वित किया जाता है। इस हेतु बच्चे की उम्र 18 वर्ष से कम हो। पालन पोषणकर्ता अथवा माता-पिता गरीबी रेखा (बीपीएल) के अधन सूचीबद्ध हो अथवा उनकी वार्षिक आय साठ हजार से कम हो। एचआईवी पोजेटिव एवं कुष्ठ के मामले में गरीबी रेखा के अधीन अथवा वार्षिक आय साठ हजार रूपये की अनिवायर्ता नहीं है। 

वैसे बच्चे भी अनाथ एवं बेसहारा माने जायेंगे जिनके माता एवं पिता की या तो मृत्यु हो गयी हो या मानसिक दिव्यांगता या कारावास में बंदी होने के कारण से अथवा किसी न्यायिक आदेश से वे अपने बच्चे के परवरिश करने में असमर्थ हो गए हों परंत ऐसी बाध्यकारी परिस्थिति के समाप्त हो जाने पर उनकी पात्रता भी स्वतः समाप्त हो जायेगी।

जिला प्रशासन द्वारा सर्वसाधारण से अपील की गयी है कि यदि वे अपने आसपास परवरिश योजना की अर्हता रखने वाले, देखरेख एवं संरक्षण की आवश्यकता वाले, अनाथ एवं बेसहारा बच्चों को देखें अथवा इसकी सूचना हो तो अपने संबंधित जिले के निकटतम आंगनबाड़ी केन्द्र की सेविका, जिला बाल संरक्षण इकाई, बाल कल्याण समिति, बाल विकास परियोजना पदाधिकारी से संपर्क कर उस बच्चे को राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी योजना परवरिश का लाभ दिलाने का प्रयास करें।

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