मछुआरों की आय में कराएं वृद्धि - डीएम

 



प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत वितीय वर्ष 2021-22 में 211 लाभुकों को निर्गत किया गया कार्यादेश।


61 लाभुकों द्वारा कार्य कराया गया पूर्ण तथा 16 लाभुकों द्वारा कराया जा रहा है कार्य।


बेतिया, 18 जुलाई। जिलाधिकारी  कुंदन कुमार ने कहा कि मछली उत्पादकता में पश्चिम चम्पारण जिला को अग्रणी बनाने हेतु सभी प्रकार के आवश्यक उपाय तीव्र गति से करना आवश्यक है। जिले को मछली उत्पादकता में आत्मनिर्भर बनाने की असीम संभावनाएं है, आवश्यकता है विस्तृत कार्ययोजना तैयार कर प्रभावी ढ़ंग से अनुपालन करना। इस हेतु संबंधित अधिकारियों को तीव्र गति से तत्परतापूर्वक कार्य करने की आवश्यकता है। उन्होंने निदेश दिया कि विभाग द्वारा निर्धारित लक्ष्य को ससमय पूर्ण कराना सुनिश्चित किया जाय। 


उन्होंने कहा कि फिशरिज एंड एलायड क्षेत्रों में बेहतर कार्य करने की आवश्यकता है। इससे एक तरफ जिले का विकास होगा वहीं फिश फॉर्मरों की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी तथा अधिक से अधिक लोगों को रोजगार भी उपलब्ध हो सकेगा। उन्होंने कहा कि फिशरिज एलायड अर्थात मछली उत्पादन के साथ-साथ मखाना, पर्ल (मोती), मुर्गी, बतख, फूल, केले आदि की उत्पादकता को बढ़ावा देना है। एक ही तालाब से किसानों को डबल, ट्रिपल लाभ दिलाने का प्रयास करें। आधुनिक टेक्नोलॉजी के माध्यम से मछली पालन कराते हुए प्रोडक्शन बढ़ायें। जिलाधिकारी समाहरणालय सभाकक्ष में आयोजित समीक्षात्मक बैठक में अधिकारियों को निदेशित कर रहे थे।


उन्होंने निदेश दिया कि मत्स्य पालकों की सुविधा के मद्देनजर उन्हें ऑइस-प्लांट/कोल्ड स्टोरेज, रेफ्रिजेरेटेड वाहन, मोटरसाइकिल ऑइस बॉक्स, साईकिल ऑइस बॉक्स, इनसुलेटेड वाहन, मोबाईल फिश किऑस्क सहित मत्स्य एवं मत्स्य उत्पादों के ई-ट्रेडिंग एवं ई-मार्केटिंग हेतु ई-प्लेटफॉर्म जैसी आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु कारगर कदम उठाना सुनिश्चित किया जाय।


बैठक में जिलाधिकारी द्वारा प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के कार्य प्रगति की विस्तृत समीक्षा की गयी। उन्होंने कहा कि उक्त योजना का व्यापक प्रचार-प्रसार कराना सुनिश्चित किया जाय ताकि अधिक से अधिक लोग इससे लाभान्वित हो सके। उन्होंने कहा कि मत्स्य कृषकों को वैज्ञानिक पद्धति आधारित मत्स्य बीज, मत्स्य उत्पादन, मत्स्य विपणन, मत्स्य भंडारण, मत्स्य प्रसंस्करण एवं मत्स्य चारा उत्पादन, आदि व्यवसाय द्वारा सतत गुणवतापूर्ण खाने योग्य मछलियों की बाजार में उपलब्धता तथा इससे संबंधित लोगों की आय में बढ़ोतरी सुनिश्चित किया जाय।


जिला मत्स्य पदाधिकारी द्वारा बताया गया कि प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत वितीय वर्ष 2021-22 में 211 लाभुकों को कार्यादेश निर्गत कर दिया गया है। इसमें से 61 लाभुकों द्वारा कार्य पूर्ण करा लिया गया है तथा 16 लाभुकों द्वारा कार्य कराया जा रहा है।


उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना का लाभ मछुआरे, मत्स्य पालक, मत्स्य विक्रेता, मत्स्य मजदूर, मत्स्य विकास अभिकरण, स्वयं सहायता समूह, संयुक्त दैयता समूह, मत्स्यजीवी सहयोग समिति, मत्स्य फेडरेशन, मस्स्य उद्यमी, कम्पनियां, मत्स्य उत्पादक समूह/संस्थान, अनुसूचित जाति/जनजाति/महिला/दिव्यांग आदि प्राप्त कर सकते हैं।


उन्होंने बताया कि इस योजना अंतर्गत अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं सभी वर्गों की महिलाओं हेतु विभिन्न अवयय के लिए निर्धारित इकाई लागत का 60 प्रतिशत एवं अन्य वर्ग हेतु 40 प्रतिशत अनुदान का प्रावधान है। उन्होंने बताया कि वितीय वर्ष 2020-21 एवं 2021-22 में अबतक बीस लाभुकों को लगभग 62 लाख रूपये अनुदानित राशि से लाभान्वित किया गया है।


इस बैठक में उप विकास आयुक्त, श्निल कुमार, अपर समाहर्ता नंदकिशोर साह, जिला मत्स्य पदाधिकारी, श्री गणेश राम सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

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