2022 में कुल 3387 टीबी नोटिफिकेशन हुए, जुलाई माह में मिले 500
बेतिया 9 अगस्त। टीबी पूर्णतः ठीक होने वाली बीमारी है। इसके उपचार की सबसे महत्वपूर्ण कड़ी इसके दवाओं का नियमित सेवन है। जिसे निगरानी या सतत मॉनिटरिंग से ही संभव किया जा सकता है। यह बातें जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ टीएन प्रसाद ने मंगलवार को कही। उन्होंने बताया कि जिले में जितने भी टीबी मरीज इलाजरत हैं, उनके पूर्ण उपचार के साथ निगरानी के लिए मरीजों का फॉलोअप आवश्यक है। यह टीबी के मरीजों के परिणाम में सुधार के लिए भी आवश्यक है। फॉलो अप के दौरान हमें टीबी रोगी के घर में रह रहे अन्य लोगों के लक्षणों पर भी ध्यान देना होता है। अगर कोई संदिग्ध दिखता है तो उसके सैंपल लेकर भी हम ट्रू नेट मशीन या माइक्रोस्कोपिक जांच करते हैं।
केएचपीटी टीबी नोटिफिकेशन में कर रही सहयोग-
डॉ प्रसाद ने कहा कि टीबी के उन्मूलन के लिए टीबी नोटिफिकेशन को बढ़ाना जरूरी है। जिले में जिला यक्ष्मा विभाग के अलावा केएचपीटी संस्था भी टीबी नोटिफिकेशन को बढ़ाने में सहयोग कर रही है। वह कम्युनिटी, जनप्रतिनिधियों, जीविका और टीबी चैंपियन के द्वारा भी टीबी नोटिफिकेशन को बढ़ाते हैं।
जिले में जुलाई तक 3387 टीबी मरीज चिन्हित-
सीडीओ डॉ प्रसाद ने कहा कि जिले में इस वर्ष जुलाई तक पब्लिक और प्राइवेट नोटिफिकेशन को मिलाकर कुल 3387 टीबी मरीजों को नोटिफाई किया गया है, जिसमें केवल जुलाई माह में कुल 500 टीबी मरीजों को नोटिफाई किया गया है।
टीबी रोगियों को पोषण के लिए मिलते हैं पांच सौ रुपए-
सीडीओ डॉ टीएन प्रसाद ने बताया कि राज्य सरकार टीबी के मरीजों को उनके पोषण के लिए प्रतिमाह पांच सौ की राशि निक्षय पोषण योजना के तहत देती है। जिसे अब सिंगल विंडो सिस्टम के तहत दिया जा रहा है।
टीबी के लक्षण:
-बिना मेहनत किए हुए थकान होना
-खांसी के साथ बलगम में खून आना
-बुखार
-रात में पसीना आना
-साँस लेने के दौरान छाती में दर्द होना
-सांस फूलना
-भूख न लगना एवं भोजन के प्रति अरूचि
-लगातार वजन घटना
0 टिप्पणियाँ