ऐतिहासिक भितिहरवा आश्रम एवं ऐतिहासिक रमपुरवा अशोका स्तंभ को बस एवं रेलवे सेवा से जोड़ने व मॉडल स्टेशन बनाने की लोगों ने उठाई आवाज।






 बेतिया, 07 सितंबर।  आज सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन के सभागार सत्याग्रह भवन में एक बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में स्वच्छ भारत मिशन के ब्रांड एंबेसडर सह सचिव सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन  डाॅ. एजाज अहमद अधिवक्ता ,वरिष्ठ अधिवक्ता शंभू शरण शुक्ल, सामाजिक कार्यकर्ता नवीदूं चतुर्वेदी, डॉ अमित कुमार लोहिया, पश्चिम चंपारण कला मंच की संयोजक शाहीन परवीन एवं डॉ शाहनवाज अली ने संयुक्त रूप से कहा कि   यातायात साधनों के अभाव में आज भी पश्चिम चंपारण का ऐतिहासिक भितिहरवा आश्रम एवं ऐतिहासिक रमपुरवा अशोका स्तंभ यातायात सेवा से कटा हुआ है। बैठक में मांग की गई कि सरकार ऐतिहासिक भितिहारवा आश्रम एवं  ऐतिहासिक रमपुरवा अशोका स्तंभ को जिला मुख्यालय बेतिया से बस सेवा एवं रेल सेवा से जोड़े। भारत की स्वाधीनता की 75 वीं वर्षगांठ आजादी का अमृत महोत्सव वर्ष पर  सरकार द्वारा इस पर पहल होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि भितिहरवा हॉल्ट को 24 अप्रैल 2015 को यह कह कर रेल मंत्रालय द्वारा बंद कर दिया गया कि छोटी लाइन को बड़ी लाइन में बदलने के साथ ही भितिहरवा हाल्ट को विकसित किया जाएगा। मॉडल स्टेशन का निर्माण किया जाएगा। लेकिन लगभग 8 वर्षों से लोगों को इसका इंतजार है। तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव ने आधिकारिक रूप से ऐतिहासिक भितिहरवा आश्रम हाल्ट को मॉडल स्टेशन बनाने की घोषणा की थी। बैठक में वरिष्ठ अधिवक्ता शंभूशरण शुक्ल, डॉ एजाज अहमद डॉ अमित कुमार लोहिया ने साथ ही साथ ऐतिहासिक भितिहरवा आश्रम को विकसित कर मॉडल स्टेशन बनाने की मांग की। प्राकृतिक संसाधनों से यह क्षेत्र हरा भरा है इसकी सुंदरता ने महारानी विक्टोरिया के बड़े बेटे एडवर्ड सेवन को 1875-1876 एवं जॉर्ज पंचम को 1912 में क्षेत्र की यात्रा करने को मजबूर किया था।

वक्ताओं ने कहा कि यातायात साधनों के उपलब्ध होने से आश्रम के साथ-साथ ऐतिहासिक ठोरी, रमपुरवा, रमपुरवा अशोक स्तंभ, सहोदरा एवं टाइगर रिजर्व पार्क विकसित किया जाय।

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