बिहार के बेतिया मे संविधान दिवस पर जिला स्तरीय संगोष्ठी सम्पन्न, जिसमे... विजय कश्यप/ सगीर अहमद/मो0 दानिश/चंद्रिका राम/ जावेद आलम/ प्रो.आ.के चौधरी ..





 बेतिया (बिहार), 27 नवंबर। रविवार को बेतिया मे स्थित जिला परिषद सभागार मे संविधान दिवस के उपलक्ष्य में जिला स्तरीय संगोष्ठी एवं विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। 

प्रबुद्ध भारती के राष्ट्रीय संरक्षक एवं कार्यक्रम का अध्यक्षता कर रहे विजय कश्यप ने कहा कि संविधान का निर्माण करने वाले डॉ0 भीमराव अंबेडकर  को नमन करते हुए, संविधान के प्रस्तावना का पाठन कराया तत्पश्चात उन्होंने संविधान दिवस के उपलक्ष पर प्रदेशवासियों को बधाई दी एवं उन्होंने उपस्थित जनप्रतिनिधियों, छात्रों, कार्यकर्ताओं को संविधान की शपथ भी दिलाई।

  विजय कश्यप ने आगे कहा कि आजादी के बाद भारत को एक मजबूत राष्ट्र बनाने और भारत की विविधता को एक सूत्र में पिरोकर रखने के लिए एक मजबूत आधार की जरूरत थी, जिसे बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर के नेतृत्व में संविधान निर्माताओं ने पूरा किया एवं भारत की आजादी के बाद नागरिकों और देश को आगे ले जाने के लिए एक सशक्त दस्तावेज के रूप में 26 नवम्बर 1949 को संविधान सभा ने भारतीय संविधान को अंगीकृत किया था। संविधान दिवस के अवसर पर हमें न सिर्फ स्वतंत्र भारत का नागरिक होने का अहसास होता है बल्कि संविधान में उल्लिखित मौलिक अधिकारों से हमें अपना हक मिलता है और साथ ही लिखित मूल कर्तव्यों से हमें नागरिक के तौर पर अपनी जिम्मेदारियों की भी याद दिलाता है।  

   इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि पूर्व न्यायाधीश एडीजे सगीर आलम  ने कहा कि वो संविधान ही है जिसने सभी को समानता का अधिकार दिया और हमारे अधिकारों की रक्षा भी करता है । इस कड़ी में हमारे देश के लोकतंत्र को हमारा संविधान ही मजबूती से थामे हुए है और हम सभी को इस संविधान की रक्षा करनी चाहिए। देश की राजनीति संतरा के प्रकार लास्ट वाला अंगीकृत भारतीय संविधान में प्रत्येक नागरिक एवं संस्था संवैधानिक अधिकारों एवं कर्तव्यों का पालन करते हुए देश ने विभिन्न क्षेत्रों में जो भी प्रकट की है उसमें देश की संविधान सभा की उन प्रतिमाओं का अमूल्य योगदान रहा है जिन्होंने अपना सर्वोच्च श्रम एवं समय देकर 2 वर्ष 11 माह एवं 18 दिनों के अथक प्रयास से भारतीय संविधान के रूप में अमूल्य धरोहर अंतिम रूप में राष्ट्र के समक्ष 26 नवंबर 1949 को प्रस्तुत किया अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष योगेंद्र मिश्रा  ने कहा संविधान सभा की अनेकों मूर्धन्य प्रतिमाओं के बीच भारत रत्न साहब भीमराव अंबेडकर का एक विशेष स्थान है जिन्हें भारत के संविधान शिल्पी के नाम से भी जाना जाता है अपने वक्तव्य में बताया कि संविधान द्वारा प्रदत्त नागरिक अधिकारों एवं माननीय गरिमा की जीत सीढ़ी से चलकर हमारा समाज उन्नति के अनेकों चित्रों को छू रहा है उस संविधान के प्रति समर्पण एवं संविधान निर्माताओं के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करने के उद्देश्य डॉक्टर बाबा साहेब अंबेडकर विकास समिति ने जनपद में फैक्ट्री समान विचारधारा वाले सामाजिक संगठनों के सहयोग एवं समन्वय से संविधान दिवस एवं गोष्टी मनाई जा रही है। मंच का संचालन राजदेव प्रसाद तथा प्रोग्राम के संयोजक  पत्रकार  डॉ0 अमानुल हक ने किया। 

   इस गोष्ठी कार्यक्रम में उपस्थित शिक्षाविद मुख्य वक्ता मोहम्मद दानिश ने कहा किसी भी देश की शासन व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने के लिए संविधान की आवश्यकता होती है. क्योंकि संविधान के बिना शासन व्यवस्था को सुचारू रूप से संचालित नहीं किया जा सकता। 

   बुद्धि सोसायटी ऑफ इंडिया के जिला अध्यक्ष चंद्रिका  राम अपने संबोधन में कहा भारतीय संविधान दुनिया का सबसे बड़ा संविधान है। भारत के संविधान में मौलिक अधिकारों और और कर्तव्यों को भी सुनिश्चित करता है।

  इस संगोष्ठी कार्यक्रम मे महिलाओं के सम्मान बढ़ाने में नगर निगम महापौर प्रत्याशी गीता कश्यप  उपस्थित रही कार्यक्रम मे जावेद आलम एडीजे  सरदार मदन सिंह, एमजेके कॉलेज बेतिया के प्राचार्य आर .के चौधरी, प्रोफेसर जफर इमाम,  सुरैया साहब , प्रोफेसर शमशुल हक , प्रोफेसर जफर इमाम, अबुल कलाम जोहरी , आलमगीर हुसैन। जबकि कार्यक्रम के संयोजक डॉ अमानुल हक वरिष्ठ पत्रकार ने कहा की संविधान के बारे मे हर किसी को जानने की जरूरत है और आखिर मे सबको धन्यवाद दिया। 

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