अमर शहीद चंद्रशेखर आजाद का 83 वा शहादत दिवस बेतिया में मनाया गया।

 

        


बेतिया,27 फरवरी। अमर शहीद चंद्रशेखर आजाद के 83 व शहादत दिवस के अवसर पर राज कैंपस पश्चिम चंपारण जिला ग्रामीण तांगा चालक कल्याण संघ के द्वारा निर्मित अमर शहीद चंद्रशेखर आजाद के आदमकद प्रतिमा पर माल्यार्पण किया गया। इससे अवसर पर बोलते हुए भारत की कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी की बिहार राज्य सचिव मंडल सदस्य प्रभु राज नारायण राव ने बताया की 15 साल की उम्र में जब 1920 ईस्वी में महात्मा गांधी ने असहयोग आंदोलन की घोषणा की तो अपने स्कूल मित्रों के साथ कम से कम जी आजादी की लड़ाई में कूद पड़े जब चौरी चौरा आंदोलन को देख 1922 में असहयोग आंदोलन को गांधी द्वारा समाप्त करने पर चंद्रशेखर आजाद रामप्रसाद बिस्मिल अशफाक उल्ला खान ठाकुर रोशन सिंह को गहरी चोट लगी ।

        तब से कांग्रेस से मोहभंग हो गया  । 9 अगस्त 2925 को काकोरी काण्ड के बाद राम राम प्रसाद बिस्मिल अशफाक उल्ला खान ठाकुर रोशन सिंह सचिंद्र नाथ लाहिरी की गिरफ्तारी हो गई लेकिन चंद्रशेखर आजाद बसते रहे । 17 दिसंबर 19 सौ 28 को सचिंद्र नाथ लाहिरी हंसी हो गई तथा 19 दिसंबर 1927 को रामप्रसाद बिस्मिल अशफाक उल्ला खान ठाकुर रोशन सिंह को फांसी देगी दे दी गई संसद अपने अन्य साथियों के साथ ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ जारी रखी।

         8 दिसंबर 1928 को चंद्रशेखर आजाद , भगत सिंह , राजगुरु , सुखदेव जैसे क्रांतिकारियों की दिल्ली में एक बैठक हुई । जिसमें लाहिरी की हिंदुस्तान प्रजातांत्रिक एसोसिएशन की दल में संशोधन करके देश में ब्रिटिश हुकूमत के पराजय के बाद समाजवादी व्यवस्था कायम करने के लिए हिंदुस्तान समाजवादी प्रजातांत्रिक  सेना का नामकरण किया गया । जिसके कमांडर इन चीफ चंद्रशेखर आजाद बनाए गए तथा प्रचार कार्स का चीफ भगत सिंह को बनाया । 17 दिसंबर 1928 को लाहौर में सांडर्स की हत्या करने के बाद देशव्यापी ख्याति इस दल को प्राप्त हुआ । 5 अप्रैल 1929 को पार्टी के फैसले के बाद बटुकेश्वर दत्त के साथ भगत सिंह दिल्ली की असेंबली में बम पटकने गए । जहां उन्होंने एक पर्चा दिया लिखा था कि बहरों को सुनाने के लिए धमाके की जरूरत होती है । स्वयं भगत सिंह ने असेंबली में नारा भी दिया था की इंकलाब जिंदाबाद !साम्राज्यवाद मुर्दाबाद ! समाजवाद जिंदाबाद !

       इसलिए आज अमर शहीद चंद्र शेखर आजाद के शहादत दिवस पर मल्यार्पण करते हुए शपथ लिया 

गया कि समाजवादी व्यवस्था जो क्रांतिकारियों का सपना था । उसे पूरा  करने का कार्य किया जाएगा । सभा की अध्यक्षता संघ के अध्यक्ष प्रकाश वर्मा अधिवक्ता ने की तथा संघ के महासचिव नीरज बरनवाल ने भी अपनी बातों को रखा । समारोह में राजदा बेगम , मंसूर मियां , ललन साह , विजय , गुलाम , जलेसर राम आदि थे ।

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