मोतिहारी, 11 नवंबर। ज्यादातर महिलाएं अपने अनियमित पीरियड्स को लेकर काफी परेशान रहती हैं। हर महिला की पीरियड साइकिल अलग होती है। किसी की 28 से 30 दिन तो किसी की 35 दिन लेकिन इससे भी ज्यादा लेट हो जाए तो आपको तुरंत सावधान हो जाना चाहिए । पीरियड्स मिस होने की सबसे आम वजह प्रेग्नेंसी मानी जाती है लेकिन आप प्रेग्नेंसी प्लान कर रही हैं और फिर भी आपके पीरियड्स आने में हो जाती है तो इसे नजरअंदाज ना करें। इसकी कई वजहें हो सकती हैं। स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ सोनाली गुप्ता नें बताया की अनियमित महामारी के स्वास्थ्य से जुड़े कई कारण हो सकते है।जिसका निदान प्रेग्नेंसी से पूर्व आवश्यक है। उन्होंने बताया की तनाव हमारे शारीरिक स्वास्थ्य को कई तरीको से प्रभावित करता है। पीरियड्स में देरी उन्हीं प्रभावों में से एक है। दरअसल, जब आप ज्यादा स्ट्रेस लेती हैं तो इससे शरीर में इसको बैलेंस करने वाले हॉरमोन्स बढ़ जाते हैं और रिप्रोडक्टिव हॉरमोन्स डिस्टर्ब हो जाते हैं।वहीं शरीर में अधिक वजन या वजन बेहद कम होना मोटापा और - दुबलापन, दोनों ही चीजें शरीर को नुकसान पहुंचा सकती हैं। मोटापे की वजह से भी मासिक चक्र अनियमित हो जाता है। इसके अलावा शरीर का वजन कम होने की वजह से भी अनियमित माहवारी की समस्या हो सकती है।
खुद से बर्थ कंट्रोल पिल्स का सेवन:
आजकल अधिकांश मामले देखें जा रहें है की नव दम्पति खुद से बिना किसी डॉ के सलाह के मार्केट से बर्थ (कंट्रोल पिल्स) गर्भनिरोधक गोलियों का इस्तेमाल या फिर अन्य दवाओं के इस्तेमाल करते है जिसके दूषप्रभाव से भी मासिक चक्र अनियमित हो जाता है। ऐसे में पीरियड्स कम या जल्दी-जल्दी भी आने लगते हैं। मेनोपॉज- जब महिलाओं की उम्र 40-45 साल के आस- पास होती है तो उनमें कई तरह के हार्मोनल बदलाव होते हैं। ऐसे में कभी-कभी पीरियड्स आना भी बंद हो जाता है।
थायरॉइड की समस्या -
थायरॉइड की किसी भी तरह की समस्या होने पर आपकी माहवारी के साथ गर्भधारण पर बुरा असर पड़ता है।इनसे बचने के लिए अपने दिन भर के शेड्यूल में बदलाव करें, संतुलित आहार का सेवन करें, गहरी नींद लें, हल्का योग करें, समय पर चिकित्सक से उचित परामर्श लें।किसी प्रकार की समस्या हो तों उसका निराकरण कराए।
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