भारतीय ऑल मीडिया पत्रकार संघ ने प्रधान मंत्री व सूचना प्रसारण मंत्री को बधाई संदेश भेजा।

 



प्रेस और पत्र - पत्रिका रजिस्ट्रेशन विधेयक 2023 लोकसभा से पारित होने पर स्वागत किया पत्रकार डॉ अमानुल हक़ ने।

 

नई दिल्ली, 23 दिसंबर।  देश के लोकसभा मे सामाचार पत्र निकालने वाले लोगों के लिए रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया को सरल बनाने वाले ‘प्रेस और  पत्रिका रजिस्ट्रेशन विधेयक 2023 को ध्वनिमत से पारित होते ही भारतीय ऑल मीडिया पत्रकार संघ ने स्वागत किया है। और देश के पी एम तथा सूचना प्रसारण मंत्री अनुराग सिंह को प्रेस और नियतकालिक पत्र  पत्रिका रजिस्ट्रेशन विधेयक 2023 के लिए बधाई भी दी है। भारतीय ऑल मीडिया पत्रकार संघ के चेयरमैन डॉ अमानुल हक़ ने इस कानून को स्वागत करते हुए कहा कि आर एन आई पंजीकरण के लिए लोगों और  पत्रकारों को बार-बार चक्कर लगाने पड़ते थे और डिस्ट्रिक मजिस्ट्रेट (डी एम) तथा एसडीओ से अनुमति का इंतजार करना पड़ता था लेकिन अब इसे आसान बना दिया गया है और जो बेवजह की परेशानी और समय बर्बाद हुआ करता था उन सभी कानूनों को हटा दिया गया है। अब ऑनलाइन घोषणा पत्र के माध्यम से अखबार निकालने के इच्छुक लोग आरएनआई का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा।

   भारतीय ऑल मीडिया पत्रकार संघ के चेयरमैन डॉ अमानुल हक़ ने कहा कि अगर किसी पत्रिका या पत्र को दो साल तक नहीं चलाया जाता है तो उसे कैंसिल किया जा सकता है। इसी तरह से यदि एक ही नाम से दो राज्यों में समाचार पत्र चल रहे हैं तो उनको एक ही जगह चलाने का आनएनआई आदेश दे सकता है। प्रदेश सरकारों को भी पत्रकारों की मदद करनी चाहिए। सरकार ने नयी व्यवस्था में पत्र-पत्रिकाओं के प्रकाशन को सालाना विवरण अपने घर से ही ऑन लाइन कराने की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। आगे कहा कि यह मूल कानून 1867 का है और उस समय 1867 में भारत गुलाम था और अंग्रेजों की मानसिकता थी कि प्रेस को भी कहीं न कहीं अपने हाथ में रखें। यहां तक कि उनके लिए पंजीकरण करना भी अपने आप में बहुत बड़ी चुनौती थी। प्रिंटिंग प्रेस लगाना या प्रकाशन करना, ये अपने आप में बहुत बड़ी बात थी। इसमें डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट की बहुत बड़ी भूमिका होती थी और एक बड़ा जटिल तंत्र था। इसको 8 चरणों में किया जाता था। डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट तथा एसडीओ के पास पहले जाकर आप पंजीकरण का आवेदन दो फिर वहां फाइल को आगे बढाने में कई महीने लगते थे। उसके बाद उसको दिल्ली में भारत के समाचारपत्र पंजीयक के पास आओ, फिर उसके चक्कर काटो। इस काम के लिए लगभग आठ चरण पार करने पड़ते थे। नये कानून में अब दो-तीन साल नहीं लगेंगे बल्कि केवल दो महीने के अंदर आपको अपना समाचार पत्र हो या पत्रिका हो उसकी अनुमति मिल जाएगी। ये सरल और स्मार्ट भी है और समानांतर भी है।

  भारतीय ऑल मीडिया पत्रकार संघ के चेयरमैन ने कहा कहा कि पहले जिला मजिस्ट्रेट के पास रजिस्टर करना पड़ता और फिर भारत के समाचारपत्र पंजीयक के पास करना पड़ता था। अब ऐसा नहीं है। अब जिला मजिस्ट्रेट के पास भी और आरएनआई के पास भी एक ही समय पर पंजीकरण किया जा सकेगा। यदि किसी आवेदन पर जिला मजिस्ट्रेट 60 दिन में जवाब नहीं देता है तो 60 दिन के बाद आरएनआई ही अनुमति दे देगा। इससे बहुत बड़ी सुविधा मिलने वाली है।


  उन्होंने कहा अंग्रेजों के समय के कानूनों और गुलामी की मानसिकता से मुक्ति दिलाने का काम किया गया हैं।

 उसी दिशा में आज प्रेस एवं पत्र पंजीकरण विधेयक 2023 लाया गया है। इस विधेयक के माध्यम से गुलामी की मानसिकता से बाहर निकलकर नए भारत के लिए एक नया कानून लाने का कार्य किया जा रहा है।

   दूसरी तरफ " भारतीय ऑल मीडिया पत्रकार संघ " के चेयरमैन डॉ  अमानुल हक़ ने इस कानून व्यवस्था को स्वागत करते हुए कहा कि इस से पत्र पत्रिकाओं को लाभ मिलेगा साथ ही जो लोग पत्र पत्रिका निकालना चाहते है वह लोग और पत्रकार आसानी से प्रकाशन शुरू कर सकते हैं  साथही सूचना प्रसारण और युवा एवं खेल मामलों के केंद्रीय मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर को और प्रधान मंत्री जी को बधाई भी दी है। और भारतीय ऑल मीडिया पत्रकार संघ चेयरमैन ने सरकार से कहा है कि पत्रकारों के आथिक स्थित के बारे में भी सरकार कोई कानून बनाएं। पत्रकारों पर लगातार हो रहें हमले पर भी सोचे ताकि पत्रकारों का मनोबल निचे न गिरे।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ