Valmiki Tiger Reserve: सामुदायिक प्रतिनिधियों और वन कर्मियों को मानव - वन्यजीव संघर्ष प्रबंधन पर प्रशिक्षण संपन्न हुआ।

Meri Pehchan/ Report By - अमानुल हक़ 

बेतिया, 04 मार्च। वाइल्ड लाइफ ट्रस्ट ऑफ इंडिया ने वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में मानव-वन्यजीव संघर्ष के प्रबंधन पर विशेष जोर देते हुए, बड़े मांसाहारी जंगली जानवर जैसे कि बाघ, तेंदुआ और भालू के साथ संघर्ष को कम करने के लिए सामुदायिक सदश्यों और वन कर्मियों के लिए दो दिवसीय प्रशिक्षण आयोजित किया।

   इस पहल के तहत मंगुराहा रेंज के अंतर्गत सात गांवों में प्राथमिक प्रतिक्रिया टीम (पीआरटी) का गठन किया गया, जिसमें 30 स्वयंसेवक शामिल हैं, जिनमें 25 पुरुष और 5 महिलाएं हैं, जो अपने-अपने गांवों में बड़े मांसाहारी जंगली जानवर के साथ संघर्ष को कम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

   प्रशिक्षण 1 मार्च को पश्चिम चंपारण ज़िला स्थित मंगुराहा पर्यटन कैम्पस के कॉन्फ्रेंस हॉल में शुरू हुआ। वाइल्ड लाइफ ट्रस्ट ऑफ इंडिया के चीफ इकोलॉजिस्ट डॉ. समीर कुमार सिन्हा, जिन्होंने वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में दो दशकों तक सेवा की, ने पी आर आई सदस्यों से उनकी भूमिका और जिम्मेदारियों पर चर्चा की, जो मानव-वन्यजीव संघर्ष को कम करने में मदद करेगी। कुल 24 पीआरटी सदस्यों ने भाग लिया जिसमे 21 पुरुष और 3 महिला सदस्यों है।


 विगत 2 मार्च को, डबल्यू टी आई ने वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के डिविजन-1 के अंतर्गत मंगुराहा, गोबरधना और रघिया रेंजों के वन कर्मियों के लिए एक और प्रशिक्षण आयोजित किया। इस प्रशिक्षण में वनपाल, वन रक्षी और टाइगर ट्रैकर्स सहित अठारह वन कर्मी शामिल हुए।

   डॉ. समीर कुमार सिन्हा ने मानव-वन्यजीव संघर्ष, संघर्ष के प्रकार, संघर्ष के कारण और मानव-वन्यजीव संघर्ष में हितधारकों की भूमिका जैसे विभिन्न विषयों पर व्याख्यान दिए।


ये प्रशिक्षण वाल्मीकि टाइगर रिजर्व (डिवीज़न-1) के उप निदेशक प्रद्युम्न गौरव, मंगुराहा के रेंज वन अधिकारी सुनील पाठक, फील्ड बायोलॉजिस्ट पंकज ओझा, और डबल्यू आई टी आई के प्रोजेक्ट हेड, सुब्रत कुमार बेहेरा की देखरेख में आयोजित किए गए।


प्रशिक्षण में भाग लेने वाले पी आर टी सदस्यों में छोटन शाह, रूपावलिया मुखिया, जितेंद्र शाह, मोहन पांजियार, अशोक राम, ईडीसी अध्यक्ष शामिल थे। प्रशिक्षण में भाग लेने वाले वन कर्मियों में वनपाल उदित शर्मा, धीरेंद्र ठाकुर, बृजलाल बैठा, वन रक्षक सिंतु पासवान, केशव कुमार आदि शामिल थे।


 डबल्यूटीआई  (लिविंग विथ लार्ज कार्निवोरेस) नामक एक परियोजना को वाल्मीकि टाइगर रिजर्व (डिवीजन 1) के आसपास के गांवों में लागू कर रहा है।


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