कालाबाज़ारी जिस मज़हब
*में जायज़ है ,*
*वो मज़हब तो झूठा है।।
*देते हैं भगवान को धोखा,
*इन्सां को क्या छोड़ेंगे ।।
*होगा मसीहा सामने तेरे,
*फिर भी न तू बच पायेगा।।
*सुख में तेरे साथ चलेंगे,
*दुख में सब मुख मोड़ेंगे ।।
*दुनिया वाले तेरे बनकर,
*तेरा ही दिल तोड़ेंगे ।
आजकल हमारे देश में कालाबाज़ारी चरम पर है, कालाबाज़ारी का इतना बोल बाला है की रक्षक ही भक्षक बन गए हैं,चंद पैसों के लिए उन्होंने अपना ईमान बेच दिया,एक तरफ लोगों की सांसे उखड़ रही है,दूसरी ओर जीवन रक्षक ऑक्सीजन के सिलेंडर की कालाबाज़ारी चरम पर है,लोग भटक रहे हैं,जीवन रक्षक इंजेक्शन के लिए,वही दौलत के पुजारी बेच रहे हैं यह इंजेक्शन मनमाने दामों पर,हद यह हो गई अब बाज़ार में नकली इंजेक्शन भी धड़ल्ले से बिक रहे हैं । कालाबाज़ारी करने वाले,नकली इंजेक्शन बनाने वाले,
कब तक नोटों की गड्डियां अपने पास रखोगे,ऊपर वाले की लाठी में आवाज नहीं होती,पर जब लाठी पड़ती है,तो बड़े-बड़े सूरमाओं की आवाज़ बंद हो जाती है ।
ऊपर वाले ने हवा पानी हम लोगों के लिए बनाया है,पर आज हम ऊपर वाले के सबसे बड़े उपहार के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं,पानी को बोतल में पैक करके बेच रहे हैं वही वातावरण से ऑक्सीजन को निकालकर सिलेंडरो में भरकर मनमाने दामों में बेच रहे हैं,यह सब काम करेंगे तो धरती पर पाप तो आना ही है,जिसको मौका मिल रहा है,वह इस समय पैसा कमाने से नहीं चूक रहा,चाहे निजी अस्पताल वाले हो,दवाई बेचने वाले हो,किराना बेचने वाले हो । जिसको मौका मिल जाता है, वह इसका भरपूर फायदा उठाता है । इसलिए मैं कहता हूँ,देते है भगवान को धोखा,इंसान क्या बच पाएगा ।
मध्य प्रदेश के कुछ आला नेताओं ने शायद इस महामारी से हार मान ली है। इसलिए वह शव वाहनों का इंतजाम करने में लगे हैं,अगर इन नेताओं को इंतजाम करना है,तो जीवन रक्षक इंजेक्शन का इंतजाम करें, वेंटीलेटरो का इंतजाम करें, ऑक्सीजन का इंतजाम करें अस्पतालों में बिस्तरो का इंतजाम करें,जो मर गया उसका शरीर तो मिटटी बन गया,उसकी अंत्येष्टि आज नहीं तो कल हो जाएगी,पर जो जीवित है,अपनी जिंदगी की जंग लड़ रहे हैं,ऑक्सीजन की कमी से सांस लेने में तकलीफ हो रही है,या जिनको अस्पताल में बेड नहीं मिल पा रहा है,अगर यह आला नेता इन सब चीजों की व्यवस्था में लग जाएं,तो लोगों के बीच नायक बनकर उभरेगे ।
हमने सुना था इंसान के दो रूप होते हैं,इस महामारी में दोनों रूप देखने को मिल रहे हैं। जिनके हाथ में भोपाल की स्वास्थ सेवा की बागडोर थी,आज उनके ऊपर चोरी का इल्ज़ाम लग रहा है। पुलिस हमीदिया अस्पताल के पूर्व अधीक्षक को थाने में बिठाकर पूछताछ कर रही है ।
जब रक्षक ही बन जाए भक्षक तो क्या होगा आम इंसान का,यह सफेदपोश चोर जिन्होंने लोगों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ किया है,आज डॉक्टर रूपी चोरों का सलाखों के पीछे जाने का नंबर आ गया है,भोपाल के सबसे बड़े सरकारी हमीदिया अस्पताल से
800 से ज़्यादा रेमडेसिविर इंजेक्शन चोरी के मामले में पुलिस ने अस्पताल के पूर्व अधीक्षक चौरसिया से घंटों पूछताछ की क्राइम ब्रांच पुलिस इस मामले की जांच कर रही है।हमीदिया अस्पताल से दो दिन पहले रेमडेसिविर के 800 से ज्यादा इंजेक्शन चोरी हो गए थे, ये इंजेक्शन कोरोना मरीज़ों के इलाज में बेहद कारगर साबित होते हैं । चोरी के इस मामले में शक की सुई,हटाए गए अस्पताल के अधीक्षक आरडी चौरसिया पर है ।
इन कालाबाज़ारी करने वालों को कफ़न चोर बोला जाए तो गलत नहीं होगा,जो लोगों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं,जो जरूरी दवाओं की कालाबाज़ारी कर रहे हैं,लोगों से गलत फायदा उठाकर अपनी तिजोरियां भर रहे हैं,पर यह तिजोरियां ज्यादा दिन भरी हुई नहीं रहेंगी। किसी की मजबूरी का फायदा उठाने का मतलब यह है,आपने अपनी इंसानियत को बाज़ार में बेच दिया एक और रक्षक बन गया भक्षक,16000 रुपये में बेच रहा था रेमडेसिविर इंजेक्शन,पुलिस ने कालाबाज़ारी करने वाला आरोपी को किया गिरफ्तार,आरोपी ने पूछताछ में बताया कि वह इंदौर के इंडेक्स कॉलेज में नर्सिंग स्टाफ के तौर पर काम करता है। कोरोना पीड़ितों के परिजन सुबह से लेकर शाम तक भटकते रहते हैं और निराशा ही हाथ लगती है, अगर कहीं पर इंजेक्शन मिलता है,तो उसकी कीमत सुनकर पीड़ित परिजनों के होश उड़ जाते हैं ।
काली रात के बाद सवेरा होता है, मुट्ठी भर बेईमानो से इंसानियत खत्म नहीं होगी,इस दौर में भी ऊपर वाले के फरिश्ते मौजूद हैं, जिन्होंने इस महामारी में दिल खोलकर लोगों की मदद की है।
इंदौर के उद्योगपति ज़फ़र मंसूरी ने दिए निःशुल्क ऑक्सिजन सिलेंडर ,इंदौर शहर में कोरोना के बढ़ते रिकार्ड केस के बीच मेडिकल ऑक्सीजन और रेमडेसिविर इंजेक्शन की कमी के बीच ज़फ़र मंसूरी ने इंसानियत की मदद का जज़्बा दिखाया और वे फरिश्ता बनकर सामने आये हैं। उन्होंने इंसानियत की मिसाल पेश करते हुए कोरोना संक्रमित
मरीज़ों की मदद के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। संकट के समय इंदौर प्रशासन को उन्होंने अपनी फैक्ट्री के सभी ऑक्सीजन के गैस सिलेंडर निःशुल्क उपलब्ध कराएं ।
लोगों की जान बचाने के लिए इस पहल की सभी सराहना कर रहे हैं। न्यू इन्डियन इंजीनियरिंग वर्क्स इंदौर के मैनेजिंग डॉयरेक्टर जफर मंसूरी है ।
पिछले लॉक डाउन में मध्य प्रदेश के रतलाम की रहने वाली 90 साल की बुजुर्ग महिला पुष्पलता शर्मा ने मदद के लिए हाथ आगे बढ़ाया था,उन्होंने लोगों की परेशानी एवं आर्थिक तंगी से जूझ रहे अस्पतालों को देखते हुए,पांच लाख की राशि जिला प्रशासन को सौंपी थी । इस बुजुर्ग महिला ने अपने पेंशन से जुड़ी हुई पांच लाख रुपए की रकम मध्य प्रदेश सरकार को दी थी । एक तरफ बुजुर्ग अपनी पेंशन दान कर रहे हैं,दूसरी ओर सरकारी विभाग के अधिकारी कोरोना के नाम पर अपनी जेबें भरने में लगे हुए हैं ।
उत्तराखंड की बुजुर्ग महिला ने ऐसी मिसाल पेश की जिसको देखकर अमीर लोग जो अपने पैसे का दम भरते हैं । इस बुजुर्ग महिला ने बता दिया भले पैसे वालों की तिजोरी नोटों से भरी हो पर इन पैसे वालों का दिल बहुत छोटा होता है,जिसकी जेब छोटी होती है,ऊपर वाला उसका दिल बहुत बड़ा बनाता है। ऐसी ही मिसाल पेश की इस बुजुर्ग महिला ने,उत्तराखंड के चमोली जिले के गौचर की रहने वाली देवकी देवी ने अपने जीवन की सारी कमाई दस लाख रुपये की धनराशि देश के लिए दान कर दी थी। देवकी देवी के पति हुकुम सिंह भंडारी रेशम विभाग में सेवारत थे। कुछ साल पहले उनका निधन हो गया था। देवकी देवी ने बताया कि उनकी कोई संतान न होने से उन्होंने अपना जीवन सामाजिक कार्यों में लगा दिया। उन्होंने कुछ बच्चों को गोद लिया और उनकी उच्च शिक्षा की पढ़ाई में मदद की। 60 वर्षीय देवकी देवी अब भी एक मकान में किराए पर रहती हैं। उनके पिता स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे।
उन्होंने बताया कि बैंक में जमा एफडी और पेंशन की रकम से दस लाख रुपये जमा हुए थे। कोरोना संकट को देखते हुए जीवन भर की कमाई इस महामारी से लड़ने के लिए देश के नाम पर दान कर दी ।
हमारे देश के सच्चे नायक इंदौर के ज़फ़र मंसूरी,रतलाम की 90 वर्षीय पुष्पलता शर्मा, उत्तराखंड की 60 वर्षीय देवकी देवी,आप सबको सलाम,आप की कोशिश एक दिन जरूर रंग लाएगी, आपके इन प्रयासों से यह बात साबित होती है की अभी इंसानियत मरी नहीं है ।
मोहम्मद जावेद खान ,
संपादक , भोपाल मेट्रो न्यूज़
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