नई दिल्ली। भारत में अगर सोशल मीडिया पर फेसबुक, व्हाट्सएप, इंस्टाग्राम चलाते हैं। तो यह खबर आपके लिए बेहद जरूरी है। अगर हम आपसे यह कहें कि बंद हो जाएगा। तो आपका क्या रिएक्शन होगा? ज्यादा कंफ्यूज मत होइए है। यह बात सही है। क्योंकि, 25 मई है और आज के दिन ही उन तीन महीनों का समय खत्म हो रहा है। जो इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने इन कंपनियों को नए नियमों का पालन करने के लिए निर्देश दिया था। ऐसे में अगर Facebook, Twitter, Instagram ने इन नियमों का पालन नहीं किया तो इन्हें बंद कर दिया जाएगा।
रिपोर्ट किए गए पोस्ट को 24 घंटों के अंदर स्वीकार करना होगा। अन्यथा,15 दिनों के अंदर कार्रवाई होगी: आपको बता दें कि भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने 25 फरवरी, 2021 को सभी सोशल मीडिया कंपनियों को नए नियमों का पालन करने के लिए तीन महीने का समय दिया था। सोशल मीडिया कंपनियों को भारत में कंप्लायंस अधिकारी, नोडल अधिकारियों की नियुक्ति करने के लिए कहा गया था। और उन सभी का कार्यक्षेत्र भारत में होना जरूरी रखा गया था। शिकायत समाधान, आपत्तिजनक कंटेट की निगरानी, कंप्लायंस रिपोर्ट और आपत्तिजनक सामग्री को हटाना आदि के नियम हैं। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स से यह भी कहा गया था कि नए नियमों के तहत अगर कोई भी शिकायत मिलती है। तो उसे 24 घंटों के अंदर स्वीकार करना होगा। साथ ही 15 दिनों के अंदर कार्रवाई भी करनी होगी। वहीं, अगर कार्रवाई नहीं होती है तो उसका कारण बताना होगा।
सरकार ने सोशल मीडिया के लिए क्या गाइडलाइंस जारी की:
1.सभी सोशल मीडिया भारत में अपने 3 अधिकारियों, चीफ कॉम्प्लियांस अफसर, नोडल कॉन्टेक्ट पर्सन और रेसिडेंट ग्रेवांस अफसर नियुक्त करें। ये भारत में ही रहते हों। इनके कॉन्टेक्ट नंबर ऐप और वेबसाइट पर पब्लिश किए जाएं।
2.ये प्लेटफॉर्म ये भी बताएं कि शिकायत दर्ज करवाने की व्यवस्था क्या है। अधिकारी शिकायत पर 24 घंटे के भीतर ध्यान दें और 15 दिन के भीतर शिकायत करने वाले को बताएं कि उसकी शिकायत पर एक्शन क्या लिया गया और नहीं लिया गया तो क्यों नहीं लिया गया।
3.ऑटोमेटेड टूल्स और तकनीक के जरिए ऐसा सिस्टम बनाएं, जिसके जरिए रेप, बाल यौन शोषण के कंटेंट की पहचान करें। इसके अलावा इन पर ऐसी इन्फर्मेशन की भी पहचान करें, जिसे पहले प्लेटफॉर्म से हटाया गया हो। इन टूल्स के काम करने का रिव्यू करने और इस पर नजर रखने के लिए भी पर्याप्त स्टाफ हो।
4.प्लेटफॉर्म एक मंथली रिपोर्ट पब्लिश करें। इसमें महीने में आई शिकायतों, उन पर लिए गए एक्शन की जानकारी हो। जो लिंक और कंटेंट हटाया गया हो, उसकी जानकारी दी गई हो।
5.अगर प्लेटफॉर्म किसी आपत्तिजनक जानकारी को हटाता है तो उसे पहले इस कंटेंट को बनाने वाले, अपलोड करने वाले या शेयर करने वाले को इसकी जानकारी देनी होगी। इसका कारण भी बताना होगा। यूजर को प्लेटफॉर्म के एक्शन के खिलाफ अपील करने का भी मौका दिया जाए। इन विवादों को निपटाने के मैकेनिज्म पर ग्रेवांस अफसर लगातार नजर रखें।
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