भर्ती के दौरान एक व्यक्ति की मौत। जमकर हंगामा

 





जमुई, 02 सितम्बर। बिहार के जमुई में एक बार फिर निजी क्लिनिक द्वारा इलाज में कोताही बरतने का मामला प्रकाश में आया है। मामला शहर के बोधवन तालाब स्थित राधिका इमरजेंसी हास्पिटल का है, जहां भर्ती एक मरीज की बुधवार की रात इलाज के दौरान मौत हो गई। उसके बाद स्वजन ने क्लिनिक पर जमकर हंगामा किया। साथ ही चिकित्सक के गायब रहने और लापरवाही का भी आरोप लगाया। धीरे- धीरे लोगों की भीड़ हास्पिटल में लग गई इस दौरान हास्पिटल छोड़कर चिकित्सक सहित अन्य कर्मी भाग गए। मृतक व्यक्ति की पहचान खैरा प्रखंड के सलैया गांव निवासी फूलो मियां के 60 वर्षीय पुत्र अब्बास अंसारी के रूप में हुई है। घटना की सूचना के बाद मौके पर पहुंची टाउन थाना की पुलिस द्वारा  आक्रोशित लोगों को समझा- बुझा कर शांत किया गया लेकिन सभी लोग देर रात तक शव के साथ हास्पिटल में अड़े रहे और चिकित्सक को बुलाने की मांग करने लगे। किसी तरह स्थानीय लोगों के सहयोग से मामले को शांत कराया गया फिर स्वजन शव को  देर रात तकरीबन 1 बजे लेकर घर गए। मृतक के पुत्र रुस्तम ने बताया कि बुधवार की रात उनके पिता की अचानक तबियत खराब हो गई थी। जिसे खैरा के एक निजी क्लिनिक में भर्ती कराया गया था जहां से रेफर करने के बाद उसे मंगलवार की सुबह पांच बजे राधिका इमरजेंसी हास्पिटल भेजा गया था। जहां पैसा जमा करवाने के बाद उनका इलाज शुरू किया गया था। बुधवार को उनके पिता की मौत से 4 घंटा पहले तक कोई डाक्टर नहीं थी। शाम में उनकी तबियत अचानक बिगड़ने लगी। उसके बाद डाक्टर को बुलाने की स्वास्थ्य कर्मियों से कही गई लेकिन डाक्टर नहीं पहुंचे जिससे उनके पिता की मौत हो गई। स्वजन ने आरोप लगाते हुए कहा कि यहां डाक्टर द्वारा इलाज नहीं किया जाता है बल्कि कंपाउंडर ही मरीजों का इलाज करते हैं। इस हास्पिटल में तकरीबन 7 डाक्टर का नाम लिस्ट लगा हुआ है लेकिन इनसब में से एक भी डाक्टर नहीं रहते हैं। डाक्टर के नाम पर मरीजों की जिंदगी से खिलवाड़ किया जाता है। 


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