बगहा, 8 अक्टूबर। फाइलेरिया मुक्त अभियान के तहत पश्चिमी चम्पारण जिले के अंतिम छोर पर स्थित बगहा कारावास में शुक्रवार को स्वास्थ्य कर्मियों व जेल प्रशासन के सहयोग से 387 कैदियों को फाइलेरिया रोग के बारे में जागरूक किया गया। साथ हीं सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम के तहत सभी कैदियों को डीईसी और अल्वेंडाजोल की दवा खिलाई गई। मौके पर केयर डीपीओ आकांक्षा सिंह ने फाइलेरिया बीमारी से जागरूक करते हुए कहा कि फाइलेरिया को हाथीपाँव रोग के नाम से भी जाना जाता है। जिसमें बुखार का आना, शरीर पर लाल धब्बे या दाग का होना एवं शरीर के अंगों में सूजन का आना फाइलेरिया की शुरुआती लक्ष्ण होते हैं। यह क्यूलेक्स नामक मच्छर के काटने से फैलता है। वहीं इससे बचने के लिए मच्छरदानी का प्रयोग अवश्य करना चाहिए, साथ ही फाइलेरिया की दवा का सेवन अवश्य करना चाहिए ।
फाइलेरिया की दवा का सेवन सभी लोगों के लिए लाभप्रद
पीसीआई डीसी नवलकिशोर सिंह ने कहा कि फाइलेरिया एक गंभीर रोग है जिसे फाइलेरिया की दवा सेवन से ही बचा जा सकता है। कभी-कभी फाइलेरिया के परजीवी शरीर में होने के बाद भी इसके लक्षण सामने आने में वर्षों लग जाता है। इसलिए फाइलेरिया की दवा का सेवन सभी लोगों के लिए लाभप्रद है। उन्होंने बताया लोग खाली पेट दवा का सेवन नहीं करें। फाइलेरिया मुक्त अभियान में डीईसी एवं अल्बेंडाजोल की गोलियों को लोगों को आशा कार्यकर्ताओं के सामने खाना है । उन्होंने बताया कि गर्भवती महिलाओं, गंभीर रूप से बीमार लोग या 2 साल से कम उम्र के बच्चों को दवा का सेवन नहीं करना है।
ऐसे लेनी है फाइलेरिया की दवा:
2 से 5 वर्ष तक के बच्चों को डीईसी की एक गोली एवं अल्बेंडाजोल की एक गोली, 6 से 14 वर्ष तक के बच्चों को डीईसी की दो गोली एवं अल्बेंडाजोल की एक गोली एवं 15 वर्ष से अधिक लोगों को डीईसी की तीन गोली एवं अल्बेंडाजोल की एक गोली दी जाएगी। अल्बेंडाजोल का सेवन चबाकर किया जाना है। मौके पर बगहा जेल अधीक्षक सतेंद्र कुमार,पीसीआई डीसी नवल किशोर सिंह, केयर डीपीओ आकांक्षा सिंह , बीसी, श्यामसुंदर कुमार, धर्मेंद्र यादव , राजकुमार शर्मा मौजूद थे।
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