संयुक्त राष्ट्र महासभा प्रथम सत्र उद्घाटन की 76वी वर्षगांठ पर दिया नारी सशक्तिकरण, जलवायु परिवर्तन की रोकथाम, पर्यावरण संरक्षण ,विश्व शांति, अहिंसा एवं आपसी प्रेम का संदेश ,

 


बेतिया, 23 अक्टूबर। आज सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन के सभागार सत्याग्रह भवन में संयुक्त राष्ट्र महासभा के प्रथम सत्र उद्घाटन की 76 वी वर्षगांठ पर एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया ,जिसमें विभिन्न सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों  बुद्धिजीवियों एवं छात्र छात्राओं ने भाग लिया, इस अवसर पर अंतरराष्ट्रीय पीस एंबेसडर सह सचिव सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन डॉ एजाज अहमद अधिवक्ता एवं डॉ सुरेश कुमार अग्रवाल चांसलर प्रज्ञान अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय झारखंड ने सर्वप्रथम संयुक्त राष्ट्र संघ के निर्माताओं को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि आज ही के दिन 76 वर्ष पूर्व 23 अक्टूबर 1946 को संयुक्त राष्ट्र महासभा का प्रथम उद्घाटन सत्र आरंभ हुआ था, पूरे विश्व के राष्ट्अध्यक्षों, शासन अध्यक्षों एवं प्रतिनिधियों ने न्यूयॉर्क स्थित संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय मे संयुक्त राष्ट्र महासभा के प्रथम उद्घाटन सत्र में भाग लेते हुए संयुक्त राष्ट्र संघ के नेतृत्व में अपनी आस्था प्रकट की थी, यह वह ऐतिहासिक अवसर था जब पूरा विश्व एक लंबे त्याग एवं बलिदान के  बाद यानी प्रथम विश्व युद्ध एवं द्वितीय विश्व युद्ध के बाद विश्व में स्थाई शांति लाने में सक्षम हुआ था, मानव सभ्यता का इतिहास एवं विकास विश्व की आधी आबादी( नारियों का) का इतिहास रहा है,  सभ्य समाज के निर्माण में महिलाओं का योगदान  अतुल्य रहा है ,इस अवसर पर डॉ एजाज अहमद, डॉ सुरेश कुमार अग्रवाल ,डॉ शाहनवाज अली ,अमित कुमार लोहिया अमजद अली अजहर सिराज एवं पश्चिम चंपारण कला मंच की संयोजक शाहीन परवीन ने संयुक्त राष्ट्र महासभा की प्रथम उद्घाटन सत्र की 76  वर्षगांठ पर विश्व समुदाय से आह्वान करते हुए कहा कि नारी सशक्तिकरण ,जलवायु परिवर्तन की रोकथाम, पर्यावरण संरक्षण, विश्व शांति, अहिंसा एवं आपसी प्रेम के लिए विश्व समुदाय को और भी निकट आने की आवश्यकता है ताकि मानव जीवन को और भी सरल  बनाया जा सके , जिसका  सपना बरसों पहले संयुक्त राष्ट्र संघ के निर्माताओं एवं हमारे पुरखों ने देखा था, इस अवसर पर वक्ताओं ने चीन एवं मंगोलिया के क्षेत्रों में बढ़ रहे कोरोना संक्रमण से विश्व समुदाय को आगाह करते हुए कहा कि अभी भी हमें संयुक्त राज्य संघ विश्व स्वास्थ संगठन एवं विश्व के विभिन्न सरकारों द्वारा जारी की गई गाइडलाइन का पालन करते हुए शारीरिक दूरी बनाते हुए मास्क का इस्तेमाल निश्चित रूप से करने की आवश्यकता है ताकि मानव जीवन को सुरक्षित कर सकें!

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