कालाजार के इंफोरर्मेंट को मिला एक दिवसीय प्रशिक्षण

 





सीतामढ़ी, 16 दिसंबर।  कालाजार को जड़ से समाप्त करने में कालाजार के इंर्फोमेंट की बहुत बड़ी भूमिका होती है। यह वह लोग हैं जो प्राथमिक लक्षण के आधार पर कालाजार मरीजों की पहचान करते हैं। उन्हें स्वास्थ्य केंद्र तक लाते हैं। हालांकि सीतामढ़ी जिला कालाजार मुक्त जिला है, पर इसके मरीजों की संख्या जीरो करना ही स्वास्थ्य विभाग का लक्ष्य है। ये बातें प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ राजीव रतन ने की इंर्फोमेंट के एक दिवसीय प्रशिक्षण में गुरुवार को कही। उन्होंने कहा कि जिले में अभी लगभग 30 मरीज हैं। जिनमें पीकेडीएल के मरीज भी शामिल हैं। कहा की इंर्फोमेंट वह होते हैं जिन्हें कालाजार के मरीजों को पहचानने का प्रशिक्षण दिया जाता है। यह आशा, जनप्रतिनिधि, शिक्षक भी हो सकते हैं। गुरुवार को सोनबरसा में कुल 20 की इंर्फोमेंट को प्रशिक्षण दिया गया है। जो प्रशिक्षण के बाद अपने क्षेत्रों में जाकर कालाजार के मरीजों को चिह्नित करने और स्वास्थ्य केंद्र तक लाने में सहायता करेंगे। 

ग्रामीण चिकित्सकों की भी महत्वपूर्ण होती है भूमिका -

भीबीडीएस शिवशंकर प्रसाद ने कहा कि ग्राम स्तर पर कोई भी बीमार व्यक्ति पहले ग्रामीण चिकित्सक के पास ही जाता है। ऐसे में उनकी भूमिका काफी महत्वपूर्ण हो जाती है। वे ही प्रथम स्तर पर कालाजार के मरीज को पहचान कर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भेज सकते हैं। कालाजार बीमारी बालू मक्खी के कारण होता है। जिसे नियंत्रित करने के लिए एसपी का छिड़काव वर्ष में दो बार किया जाता है। जिसके छिड़काव की जानकारी कोई भी ग्रामीण अपने आशा से ले सकता है। 

कालाजार के लक्षण -

इसके मुख्य लक्षणों में बुखार, वजन घटना, थकान, एनीमिया और लिवर व प्लीहा की सूजन शामिल हैं। कालाज़ार से बचाव के लिए कोई वैक्सीन (टीका) उपलब्ध नहीं है। हालाँकि समय रहते अगर उपचार किया जाए, तो रोगी ठीक हो सकता है। मौके पर प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ राजीन रतन, स्वास्थ्य प्रबंधक  मनोज कुमार, केयर डीपीओ ब्रजेन्द्र प्रताप सिंह, केबीसी दिलीप कुमार झा, भीबीडीएस शिवशंकर प्रसाद, केयर बीएम रंधीर कुमार सहित अन्य लोग मौजूद थे।

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