6 फरवरी को स्कूल नहीं खुलता है तो प्राइवेट स्कूल एंड चिल्ड्रेन वेल्फेयर एसोसिएशन राज्यव्यापी आंदोलन करेगा

 




बेतिया, 29 जनवरी।  प्राइवेट स्कूल एंड चिल्ड्रेन वेल्फेयर एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष सय्यद शमाएल अहमद  के आह्वान पर प्राइवेट स्कूल एंड चिल्ड्रेन वेल्फेयर एसोसिएशन प. चम्पारण के बैनर तले एक महत्वपूर्ण बैठक रखी गई जिस में निम्न बिंदुओं पर विचार विमर्श किया गया। 

--- निजी विद्यालयों को पुनः संचालित करने हेतु देर क्यों ?

-- बच्चो के भविष्य के साथ खिलवाड़ क्यों ?

-- क्या शिक्षकों को रोजगार हेतु पलायन कराने का है उद्देश्य ?

-- निजी विद्यालयों के परिसर में बिहार बोर्ड का परीक्षा आयोजित करने से कोरोना नहीं होगा और कक्षा का सञ्चालन से कोरोना हो जायेगा ?

 बिहार राज्य सरकार के निजी विद्यालयों के तरफ उदासीन रवैय्ये पर सवालिया निशान लगाते हुए   एसोसिएशन के जिला अध्यक्ष मो. नूरैन खान ने कहा की राज्य सरकार की आखिर मंशा क्या है ? क्यों बच्चो के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है ? बिहार बोर्ड के द्वारा सभी सरकारी विद्यालयों में प्रैक्टिकल परीक्षाएं भौतिक तौर पर करवाई गयी है और तत्पश्चात सभी निजी विद्यालयों में बिहार बोर्ड का परीक्षा केंद्र ज़बरन कोरोना गाइडलाइन के सभी मानको को ताख पर रख कर करवाई जा रही है जिसके लिए किसी भी निजी विद्यालयों को फूटी कौड़ी भी नहीं दी जा रही है। जिला सचिव अब्दुल्लाह उर्फ अरशद सरहदी ने कहा कि कोरोना महामारी के आड़ में सभी निजी विद्यालय संचालको को ज़बरन विवश कर के उनका विद्यालय में परीक्षा केंद्र बनाया जा रहा है। श्री सरहदी ने कहा कि 

 सबसे बड़ा सवाल ये उठता है की जब बिहार बोर्ड की परीक्षा निजी विद्यालयों में कराई जाएगी तब बच्चों को कोरोना नहीं होगा और जब इन्ही निजी विद्यालयों में  कक्षाओं का सञ्चालन होगा तो बच्चों को कोरोना हो जायेगा ? WHO  ने साफ़ तौर से स्पष्ट कर दिया है कोरोना को ले कर विद्यालयों को बंद रखने का कोई औचित्य ही नहीं है और जब महाराष्ट्र जैसे राज्य जहाँ ओमीक्रॉन का संक्रमण सबसे ज़्यादा है वहाँ जब राज्य सरकार के द्वारा विद्यालय खुल चुके है तब बिहार में विद्यालय क्यों नहीं खुल रहे है ?

   जिला कोषाध्यक्ष सनत कुमार होत्री ने कहा की सिनेमा हॉल , यातायात , सभी दुकाने तथा सभी कार्यालय पूर्णतः संचालित है परन्तु विद्यालयों को पुनः संचालित करने पर सरकार के द्वारा पाबन्दी नहीं हटाई गयी है | यह बताना भी उचित है की इन्ही निजी विद्यालयों में सरकार कोरोना काल से ले कर आज तक लगातार परीक्षाओ का आयोजन करवा रही है और उन परीक्षाओ के आयोजन हेतु परीक्षार्थियों से पंजीकरण के नाम पर मोटी रकम भी वसूल रही है परन्तु किसी भी निजी विद्यालयों को एक फूटी कौड़ी भी नहीं दी जा रही है और मुफ्त में सभी निजी विद्यालयों के भवनों को इन परीक्षाओ को संचालित करवाने हेतु इस्तेमाल किया जा रहा है | एसोसिएशन राज्य सरकार से पूछना चाहता है की क्या कोरोना महामारी सिर्फ निजी विद्यालयों के सञ्चालन के लिए ही है और आपके कार्यो के लिए क्या कोरोना नहीं है ? 

अंत में जिला सचिव अब्दुल्लाह उर्फ अरशद सरहदी ने कहा कि राज्य सरकार के इस उदासीन रैवाईये को देखते हुए अब निजी विद्यालयों के संचालक , शिक्षक , शिक्षिकाएं एवं कर्मचारीगण अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष सय्यद शमाएल अहमद साहब के आह्वान पर राज्य व्यापी आंदोलन करने के लिए बाध्य हो गए है | यदि 06 फरवरी 2022 के पहले विद्यालयों को संचालित करने हेतु आदेश पारित नहीं किया गया तो सभी 38 जिला के निजी विद्यालय संचालक, शिक्षक , शिक्षिकाएं एवं कर्मचारी विशाल आंदोलन करने पटना आ जायेंगे जिसकी पूरी जिम्मेदारी राज्य सरकार एवं शिक्षा विभाग की होगी | क्या सरकार किसान आंदोलन की तरह शिक्षा आंदोलन के लिए शिक्षकों एवं शिक्षिकाओं को बाध्य करना चाहती है । 

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