बेतिया मे छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती धूमधाम से संपन्न

 



बेतिया, 19 फरवरी।  बेतिया के कुर्मी टोला स्थित भूरली भवानी के पास शनिवार को छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। जिसमें सभी वर्ग के लोगों ने भाग लेकर शिवाजी को पुष्पांजलि अर्पित कर अपनी श्रद्धा- सुमन  दिया ।इस अवसर पर कवि साहित्यकार डॉ गोरख प्रसाद मस्ताना ने कहा कि शिवाजी महाराज एक ऐतिहासिक पुरुष थे। उनके इतिहास को दबाने की कोशिश की गई थी। किंतु ज्योतिबा फुले द्वारा उनके समाधि स्थल को ढूंढकर उजागर किया गया ।शिवाजी वास्तव में छत्रपति थे।उन्होंने जो सिक्का चलाया था उस पर हिंदी एवं उर्दू दोनों भाषा में लिखा हुआ मिलता है ।इससे साबित होता है कि शिवाजी किसी जाति विशेष के ना हो कर पूरे देश और समाज के थे ।वहीं समाजसेवी प्रताप कुमार पटेल ने कहा कि शिवाजी महाराज ने जो संघर्ष किया। उससे हमारे युवाओं को सीखने की जरूरत है ।उनका जन्म 19 फरवरी 1630 ईस्वी में हुआ था ।अपना सारा जीवन स्वराज के लिए संघर्ष में लगा दिया ।वह किसी जाति विशेष के ना होकर सभी वर्गों में स्वराज के प्रति अलख जगाना चाहते थे। क्योंकि उनकी सेना में मुस्लिम भी शामिल थे।यहां तक कि वे युद्ध में बंदी महिलाओं को भी इज्जत के साथ उनके सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाते थे ।वही वार्ड पार्षद पति विजय रंजन ठाकुर ने कहा कि हम जयंती इसलिए मनाते हैं कि हम उनके जीवन से कुछ सीखें। शिवाजी एक मानव नहीं बल्कि एक महामानव थे ।हम एक रोटी कम खाना है किंतु ,अपने बच्चों को शिक्षित जरूर बनाए। जबकि रिटायर्ड डीएसपी रामदास बौद्ध ने कहा कि उनकी सेना में 35% मुस्लिम आबादी थी ।वह बिना किसी भेदभाव के देश के लिए काम किया ।रवि भूषण पटेल ने कहा कि शिवाजी पहले व्यक्ति थे जिन्होंने स्वराज के लिए लड़ा। उनके 12 तोपचियों में 12 तोपची मुसलमान थे ।उन्होंने 29 किलों पर फतह हासिल कर अपना साम्राज्य स्थापित किया था। मौके पर अरुण कुमार पटेल ,संजय कुमार ,पंकज पटेल, सचिन पटेल, लड्डू पटेल ,माधव सिंह पटेल ,कृष्णा पटेल, राजीव रंजन कुमार उर्फ डाक बाबू ,ओबीसी दलित एकता मंच के संयोजक संजय कुमार राव सहित कयी उपस्थित रहे तथा अपनी -अपनी बातों को रखा।

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