भारत रत्न और अमर स्वर कोकिला स्वर्गीय लता मंगेशकर आज हमारे बीच नही हैं। लेकिन लता दीदी का अहसास हर दिलताल मे है और सदा रहेगा। उनके कार्य और गीतों को ब्रम्हांड और ये जग ताउम्र तक याद करता रहेगा। हर कोई अपने ढंग से दीदी को श्रधांजलि दे रहा हैं। और इस बार समाज सेवी डॉ. अनिल काशी मुरारका को एक नेक कोशिश, सच्चे इंसानियत का परिचय देती हैं ।
जी हां, लता दीदी को जो कला संग्रह भेंट करना चाहते थे वो इच्छा तो अधूरी रह गयी लेकिन दीदी के लिए संग्रहित की कला को डॉ. अनिल , कैंसर से जूझ रहे बच्चों के जीवन को बनाने में दान दे दिए। इससे अच्छी श्रधांजलि और कुछ हो सकती हैं।
अनिल काशी मुरारका ने भारत रत्न लता मंगेशकर की कला के 35 कार्यों को कैंसर रोगियों की सहायता के लिए कलाकार राज सैनी को कैंसर रोगी सहायता संघ को दान कर दिया है।
मुरारका की कृतियों को साढ़े तीन साल से भी अधिक समय से सावधानीपूर्वक तैयार किया गया है। मुरारका ने खुलासा किया, "मैं दीदी को उपहार देना चाहता था लेकिन यह मेरा दुर्भाग्य है कि मैं इसे उनके चरण कमलों में पेश नहीं कर सका। अगली सबसे अच्छी बात कैंसर बच्चों के जीवन को रोशन करना है मेरी सबसे बड़ी पहल हैं।"
सीपीएए की कार्यकारी निर्देशक अनीता पीटर उत्साहित हैं और वो कहती हैं कि"हम डॉ. अनील काशी मुरारका की अद्भुत पहल से बहुत उत्साहित थे। हम सीपीएए में, मेक अर्थ ग्रीन अगेन मेगा फाउंडेशन के साथ अपने मरीजों और प्रसिद्ध गायकों के साथ एक संगीत कार्यक्रम आयोजित करने की योजना बना रहे हैं, जहाँ हम पेंटिंग की नीलामी भी रखेंगे। हम इस घटना को जल्द ही एक वास्तविकता बनाने के लिए काम कर रहे हैं। हमें डॉ अनील काशी मुरारका जैसे और लोगों की जरूरत है इस नेक कार्य को अंजाम देने के लिए " ।
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