प्राकृतिक फूलों ,पत्तियों एवं पेड़ पौधों से बने रंगो से फ्रेंडली होली खेलने का सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन एवं विभिन्न सामाजिक संगठनों द्वारा आह्वान।

 



 चंपारण, 18 मार्च।  सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन के सभागार सत्याग्रह भवन में आज बैठक का आयोजन किया गया ।इसअवसर पर स्वच्छ भारत मिशन के ब्रांड एंबेसडर सह सचिव सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन डॉ0 एजाज अहमद (अधिवक्ता)डॉ सुरेश कुमार अग्रवाल चांसलर प्रज्ञान अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय झारखंड डॉक्टर शाहनवाज अली एवं अमित कुमार लोहिया ने संयुक्त रुप से कहा कि फूलों ,पत्तियों एवं पेड़ पौधों से बने एवं प्राकृतिक रंगों से  हर्बल होली मनाएं। स्वच्छता एवं सिंगल यूज प्लास्टिक के बर्तनों का बहिष्कार करते हुए रंगों का त्योहार हर्ष उल्लास के साथ मिलजुल कर मनाएं।इस अवसर पर पश्चिम चंपारण कला मंच की संयोजक शाहीन परवीन एवं वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता, अमित कुमार लोहिया ने आह्वान करते हुए कहा कि फूलों, फलों एवं पौधों से बने प्राकृतिक रंगों से भारत एवं दक्षिण एशिया का सबसे महत्वपूर्ण सामाजिक एवं सांस्कृतिक त्यौहार होली का आरंभ प्राकृतिक होली के रूप में किया जाए । कृतिम एवं रासायनिक रंगों से शरीर के साथ पर्यावरण को पहुंचने वाले अनेक घातक प्रभाव से बचाया जा सके! इस अवसर पर डॉ एजाज अहमद डॉ सुरेश कुमार अग्रवाल एवं बिहार विश्वविद्यालय के इतिहास विभाग के डॉ0 शाहनवाज अली ने कहा कि सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन एवं विभिन्न सामाजिक संगठनों द्वारा संयुक्त रुप से स्वच्छता एवं पर्यावरण संरक्षण के साथ फ्रेंडली होली अभियान चलाया जा रहा है।  पूरे देश के लिए स्वास्थ्य एवं पर्यावरण की दृष्टि से यह अभियान अति महत्वपूर्ण है! पूरे देश में इस अभियान के अंतर्गत आम जनों को जागृत किया रहा है।  विभिन्न सामाजिक संगठनों ने देश के विभिन्न हिस्सों मे सरकार एवं जनता से सामंजस्य स्थापित कर इस दिशा में काम किया जा रहा है। सामाजिक संगठनों द्वारा यह अभियान मील का पत्थर साबित होगा। फूलों एवं पत्तियों से बने रंगों से शरीर को लाभ पहुंचेगा। जिससे विभिन्न त्वचा संबंधी बीमारियों से बचा जा सकेगा।

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