पवित्र शब ए बरात पर दिया विश्व शांति एवं मानवता का संदेश ।

 


   

बेतिया, 18 मार्च 2022 को अंतर्राष्ट्रीय पीस एंबेस्डर सह सचिव सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन डॉ एजाज अहमद अधिवक्ता एवं डॉ सुरेश कुमार अग्रवाल चांसलर प्रज्ञान अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय झारखंड ने संयुक्त रूप  से विश्व शांति एवं मानवता का संदेश देते हुए कहा कि पवित्र शब ए बरात अरबी महीने के शाबान महीने की 14 वीं तारीख एवं 15वीं तारीख के मध्य रात को शब-ए-बारात का त्योहार मनाया जाता है। इबादत, तिलावत एवं सखावत यानी दान-पुण्य का यह त्योहार इस वर्ष 18 मार्च शाम से लेकर  19 मार्च दिन तक मनाया जाएगा। इस रात दान का भी खास महत्व रखता है । इस अवसर पर मस्जिदों एवं कब्रिस्तानों में खास प्रार्थनाए की जाती है, दिवंगत आत्माओं को श्रद्धांजलि दी जाती है।

 इस अवसर पर डॉ एजाज अहमद एवं डॉ शाहनवाज अली ने कहा कि इस्लामिक मान्यताओं के अनुसार शब-ए-बारात में अल्लाह की इबादत करते हुए उनसे अपने गुनाहों को माफ करने की दुआ मांगी जाती है।साथ ही साथ अपने प्रिय जनों एवं दिवंगत आत्माओं की मुक्ति के लिए ईश्वर से प्रार्थनाएं की जाती है।  पिछले साल किए गए कर्मों का लेखा-जोखा तैयार करने और आने वाले साल की तकदीर तय करने वाली इस रात को शब-ए-बारात कहा जाता है। इस रात को पूरी तरह इबादत में गुजारने की परंपरा है। इस्लाम धर्म में इसे चार मुकद्दस रातों में से एक माना जाता है, जिसमें पहली आशूरा की रात, दूसरी शब-ए-मेराज, तीसरी शब-ए-बारात और चौथी शब-ए-कद्र होती है।

 नमाज, तिलावत-ए-कुरआन, कब्रिस्तान की जियारत और हैसियत के मुताबिक खैरात किए जाते हैं।भारत समेत विश्व के मुस्लिम समुदाय द्वारा ईश्वर से विश्व शांति, सुख, समृद्धि एवं पूरी दुनिया के लिए विकास के लिए प्रार्थना की जा रही हैं।

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