ऐतिहासिक चंपारण सत्याग्रह पर महात्मा गांधी का बेतिया चंपारण आगमन की 105 वीं वर्षगांठ एवं भारत की स्वाधीनता की 75 वीं वर्षगांठ अमृत महोत्सव पर भव्य कार्यक्रम का आयोजन।





 

बेतिया, 22 अप्रैल। ब्रांड एंबेसडर स्वच्छ भारत मिशन सह सचिव सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन डॉ एजाज अहमद ,डॉ सुरेश कुमार अग्रवाल चांसलर प्रज्ञान अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय ने संयुक्त रूप से  महात्मा गांधी ,कस्तूरबा गांधी एवं स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि आज ही के दिन राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने चंपारण सत्याग्रह के लिए शाम 5:00 बजे 22 अप्रैल 1917 को रेल से महात्मा गांधी बेतिया पहुंचे थे। उनका स्वागत महान स्वतंत्रता सेनानी पंडित राजकुमार शुक्ल ,पीर मोहम्मद मुनीश जैसे चंपारण की हजारों विभूतियों ने  किया था । मौलाना मजहरूल हक एवं राजेंद्र प्रसाद ने अहम भूमिका निभाई थी। 22 अप्रैल 1917 को बेतिया के ऐतिहासिक हजारीमल धर्मशाला में चंपारण सत्याग्रह कार्यालय की आधारशिला रखी थी। साथ ही अंग्रेजों के अत्याचार एवं नील के अभिशाप से चंपारण के किसानों के मुक्ति के लिए चंपारण जांच कमेटी के समक्ष 16 जुलाई 1917 को ऐतिहासिक हजारीमल धर्मशाला एवं 17 जुलाई 1917 को 10,000 से ज्यादा किसानों ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के नेतृत्व में चंपारण जांच समिति के समक्ष अपना बयान दर्ज कराया था ।इस अवसर पर डॉ एजाज अहमद,डॉ0 शाहनवाज अली, प्रज्ञान अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय के चांसलर डॉ सुरेश कुमार अग्रवाल जाने-माने सामाजिक कार्यकर्ता नवीदू चतुर्वेदी ने कहा कि आज पूरा विश्व आज पूरा विश्व युद्ध  एवं हिंसा से जूझ रहा है। महात्मा गांधी के आदर्शों एवं मूल्यों से ही विश्व में स्थाई शांति लाई जा सकती है भारत की स्वाधीनता की 75 वीं वर्षगांठ आजादी के अमृत महोत्सव वर्षफल महात्मा गांधी का संदेश पूरी दुनिया तक पहुंचाया जाएगा।  महात्मा गांधी ने चंपारण सत्याग्रह के अवसर पर चंपारण बेतिया की धरती पर महामारी से निपटने के लिए अनेक उपाय बताए थे। इसमें विशेष रूप से स्वच्छता पर बल दिया था और कहा था कि स्वच्छता में ईश्वर का वास होता है !स्वच्छता से ही महामारी पर विजय पा सकते हैं। सफाई पर विशेष ध्यान दें अपने घर अपने आस-पड़ोस अपने मोहल्ले अपने गांव अपने शहर अपने जिले एवं अपने राज्य एवं देश में स्वच्छता पर स्वच्छता पर विशेष कार्य करें ।

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