सांप्रदायिक फासीवादी ताकतों से लड़कर लोकतंत्र और धर्मनिरपेक्ष राज बनाने के लिए भाकपा माले को मजबूत करें



बेतिया, 22 अप्रैल।  आज लेनिन के जन्मदिन के ऐतिहासिक अवसर पर भाकपा(माले) के सभी सदस्यों और समर्थकों का क्रान्तिकारी अभिवादन करते हुये सभी कठिनाइयों का सामना करते हुए लोकतंत्र, धर्मनिरपेक्षता व सामाजवादी राज और आम लोगों के अधिकारों की लड़ाई को आगे बढ़ाने के पार्टी के संकल्प को दुहराती है. यह कॉमरेड लेनिन की 152वीं जयंती भी है. हम कॉमरेड लेनिन और हमारे सभी संस्थापक और दिवंगत नेताओं और शहीदों को श्रद्धांजलि देते हैं. उक्त बातें माले नेता सुनील कुमार राव ने पार्टी की स्थापना दिवस पर झंडा फहराने के क्रम में कहा।उन्होंने कहा कि आज सांप्रदायिक फासीवादी ताकतें जो देश की आजादी में अंग्रेजी राज के साथ खड़े थे वहीं ताकतें हमारे संघर्ष के विरासत को भी हड़पने में लगी हैं । ऐसे में हमें भाकपा माले को और मजबूत करना होगा ताकि देश की आजादी, धर्मनिरपेक्षता और लोकतंत्र बचा रह सके। माले नेता व मुखिया महासंघ के प्रवक्ता नवीन कुमार ने कहा पिछले दो साल कोविड-19 महामारी और इससे निपटने के नाम पर राज्य द्वारा लागू किए गए निर्मम लॉकडाउन के साए में रहे. इसके बावजूद, भारत की आम जनता और हमारी पार्टी ने कई बुनियादी मांगों और अधिकारों के लिए सफलतापूर्वक संघर्ष किये हैं. ऐतिहासिक किसान आंदोलन ने मोदी सरकार को कॉरपोरेट-हितों को साधने के लिए लाए गए कृषि कानूनों को निरस्त करने के लिए मजबूर किया है. माले नेता सुरेंद्र चौधरी ने कहा बटाईदारों सहित सभी वर्गों के किसानों के लिए सभी फसलों पर उचित एमएसपी, मेहनतकश जनता  पर लादे गए सभी कर्जों को समाप्त करने के लिए, मजदूर वर्ग और नौकरी खोजने वालों के लिए सुरक्षित नौकरी और उचित मजदूरी और सार्वजनिक संपत्ति को बेचने व मुट्ठी भर कॉर्पोरेटों को सौंप देने पर रोक लगाने के लिए लड़ाई अभी भी जारी है.माले नेता बिनोद कुशवाहा ने कहा कि हर चुनावी जीत भाजपा और संघ ब्रिगेड को अपने फासीवादी हमले को तेज करने के लिए बढ़ावा देती है. 2019 की जीत के बाद, मोदी सरकार ने तुरंत ही अनुच्छेद 370 को समाप्त कर दिया, जम्मू-कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बाँट दिया और नागरिकता अधिनियम में संशोधन किया. हारुन गद्दी ने कहा कि इस बार, यूपी, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर में बीजेपी की जीत के बाद, वे गैर-बीजेपी सरकारों को अस्थिर करने और बिहार जैसे राज्यों में अपना नियंत्रण दृढ़ करने की कोशिश कर रही है । माले नेता धामू चौधरी ने कहा बीजेपी लंबे समय से नीतीश कुमार को अपने चेहरे या मुखौटे के रूप में इस्तेमाल कर रही है.माले नेता जोखू चौधरी ने कहा सरकार ने एक तरफ तो ईंधन, भोजन और अन्य आवश्यक वस्तुओं और सेवाओं की कीमतों में लगातार भारी बढ़ोतरी करके आम लोगों पर आर्थिक युद्ध तेज कर दिया है, साथ ही नफरत और भय का माहौल बनाकर और हिंसा भड़काकर लोगों का सांप्रदायिक ध्रुवीकरण भी कर रही है.


जैसे-जैसे संकट गहराता जा रहा है, लोगों को हतोत्साहित किया जा रहा है और भाजपा शासन और आरएसएस की विचारधारा को भारत के लिए अपरिहार्य नियति के रूप में स्वीकार करने के लिए धमकाया जा रहा है. लेकिन भारत की स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ हमें हमारे स्वतंत्रता आंदोलन की शक्तिशाली क्रांतिकारी विरासत और भगत सिंह, अम्बेडकर और पेरियार और उनसे पहले के उपनिवेशवाद विरोधी-जाति विरोधी समाज सुधारकों द्वारा प्रज्वलित एक स्वतंत्र, प्रगतिशील और समतामूलक भारत बनाने के महान सपनों की याद दिला रही है. स्वतंत्रता, न्याय और लोकतंत्र की लड़ाई को तेज करके उस विरासत को आगे बढ़ाने और भारत को फासीवादी चंगुल से मुक्त कराने की जिम्मेदारी अब हम पर है. इसके लिए सभी वामपंथी, प्रगतिशील और लड़ने वाली ताकतों की हमें एक मजबूत एकता बनाने और आम लोगों के एजेंडे और संघर्षों को चुनावी क्षेत्र में एक शक्तिशाली दावेदारी की ओर की जरूरत है.हमें इस ऐतिहासिक कार्य को पूरा करने के लिए पार्टी को विस्तार देने और मजबूत करने की जरूरत है. मौके पर उपस्थित माले नेत्री गोदावली देवी ने झंडोत्तोलन किया।इस अवसर पर शिव प्रसन्न मुखिया, अनील सिंह,मनोज सिंह,तपसी शर्मा, शिवनाथ मुखिया,भरत राम, ठाकुर साह, सुरेन्द्र साह आदि उपस्थित रहे।

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