बेतिया, 25 जुलाई। सघन दस्त नियंत्रण पखवाड़ा 15 जुलाई से 30 जुलाई तक जिले में चलाया जा रहा है। इसमें 5 वर्ष तक के बच्चों की डायरिया से बचाव को लेकर आशा के माध्यम से उनके क्षेत्र के सभी घरों पर जाकर लाभार्थी के मां को जागरूक किया जा रहा है। प्रत्येक घर में 1 ओआरएस पैकेट भी निःशुल्क दिया जा रहा है। ओआरएस का घोल बनाने की विधि भी बताई जा रही है और हाथ धोने की प्रक्रिया को समझाया जा रहा है। जिन घरों में भ्रमण के दौरान कोई दस्त से ग्रसित बच्चे पाए जाते हैं, उन घरों में ओआरएस के अलावा जिंक की गोली भी दी जा रही है।
सर्वे कर वितरण की जा रही है ओआरएस की पैकेट-
जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ अवधेश कुमार सिंह ने बताया कि सघन दस्त नियंत्रण पखवाड़ा के दौरान 5 वर्ष तक के बच्चों का सर्वे करके ओआरएस का पैकेट आशा कार्यकर्ताओं द्वारा बांटा जा रहा है तथा दस्त से पीड़ित बच्चों को ओआरएस के अलावा जिंक की गोली भी दी जा रही है। घर-घर भ्रमण के दौरान माताओं को यह भी बताया जा रहा है कि जो बच्चे दस्त से पीड़ित हैं उन्हें नजदीक के स्वास्थ्य केंद्र पर ले जाएँ ताकि समुचित इलाज किया जा सके। समय से इलाज कराने पर बीमारी पर नियंत्रण पाया जा सकता है।
डायरिया के लक्षण-
दस्त की अवस्था में बदलाव या सामान्य से ज्यादा बार होना, ज्यादा पतला या पानी जैसा होना, इसके अलावा बच्चा में बेचैनी या चिड़चिड़ापन अथवा सुस्त या बेहोश हो जाना। बच्चों को बहुत ज्यादा प्यास लगना या पानी न पी पाना।
जिंक तथा ओआरएस के विशेष लाभ-
जिंक सेवन से दस्त और तीव्रता दोनों कम होती है, तीन महीना तक दस्त का खतरा न के बराबर होता है, रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है, जबकि ओआरएस से शरीर में पानी की कमी नहीं होती है एवं दस्त के खतरे से बचाव करता है।
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