ओरिएंटल खुदा बख्श लाइब्रेरी के संस्थापक मौलवी खुदा बख्श खान के सम्मान में बेतिया मे स्मारक बनाने की सरकार से मांग।

 


पटना, 02 अगस्त। बिहार की संस्था सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन के सभागार सत्याग्रह भवन में खुदा बख्श ओरिएंटल पब्लिक लाइब्रेरी के संस्थापक मौलवी खुदा बख्श खान 180वीं जन्म दिवस पर सर्वधर्म प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया। जिसमें सभी धर्मों के लोगों ने भाग लिया। इस अवसर पर अंतराष्ट्रीय पीस एंबेस्डर सह सचिव सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन डॉ0 एजाज अहमद (अधिवक्ता) डॉ सुरेश कुमार अग्रवाल चांसलर प्रज्ञान अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय झारखंड डॉ शाहनवाज अली अमित कुमार लोहिया वरिष्ठ अधिवक्ता शंभू शरण शुक्ल एवं अल बयान के संपादक डॉ सलाम ने संयुक्त रूप से कहा कि आज ही के दिन आज से 180 वर्ष पूर्व 02 अगस्त 1842 को मौलवी खुदा बख्श खान का जन्म हुआ था। उनका सारा जीवन भारतीय इतिहास एवं कला संस्कृति को संरक्षित करने में बीता।

पटना शहर में भारत के कुछ दुर्लभ एवं सबसे मूल्यवान पांडुलिपियों का खजाना खुदा बख्श ओरिएंटल पब्लिक लाइब्रेरी में मौजूद है। जिसमें इस्तांबुल सार्वजनिक ग्रंथालय के बाद विश्व के सबसे बड़ी ग्रंथथालय मौलवी खुदा बख्श खान के द्वारा स्थापित ग्रंथालय है। खुदा बख्श लाइब्रेरी का भव्य उद्घाटन बंगाल के तत्कालीन उपराज्यपाल 50 इलियट ने सर चार्ल्स इलियट ने किया था। इस अवसर पर वरिष्ठ अधिवक्ता शंभू शरण शुक्ल ने कहा कि 1969 में भारत की संसद द्वारा खुदा बख्श ओरिएंटल पब्लिक लाइब्रेरी का देखरेख का भाग सरकार ने अपने अंतर्गत ले लिया। जिसमें उर्दू, फारसी, अरबी की हजारों पांडुलिपिया हैं। इस अवसर पर डॉ एजाज अहमद डॉ सुरेश कुमार अग्रवाल एवं बिहार विश्वविद्यालय के इतिहास विभाग के शोधार्थी अधिवक्ता शाहनवाज अली ने संयुक्त रुप से कहा कि ऐतिहासिक खुदा बख्श खान चौक को संरक्षण प्रदान करते हुए खुदा बख्श लाइब्रेरी के संस्थापक मौलवी खुदाबख्श खान के सम्मान में स्मारक स्थापित किया जाए, ताकि नई पीढ़ी अपनी गौरवशाली इतिहास को जान सके। साथ ही साथ वक्ताओं ने स्वाधीनता की 75 वीं वर्षगांठ आजादी का अमृत महोत्सव वर्ष पर सरकार से जल्द से जल्द राष्ट्रीय संग्रहालय एवं विश्वविद्यालय स्थापित करने की मांग सरकार से की ताकि दुर्लभ स्मृतियों को संरक्षित किया जा सके।

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