बेतिया के "अनवारुल हक पिंक सिटी" में आधुनिक शिक्षा की शुरुआत :- मौलाना ऐनुल्लाह कासमी




                         (शाहीन सबा की रिपोर्ट)

बेतिया (बिहार) । बिहार राज्य के पश्चिम चंपारण जिला मुख्यालय बेतिया के बेलदरी चौक स्थित, अनवारुल हक पिंक सिटी में जामियाअनवारुल कुरान, बेलदरी जो स्वर्गीय अनवारुल हक,नया टोला बेतिया के नाम से एक मदरसा की बुनियाद डाली गई,जिसमें शिक्षा दीक्षा का कार्यक्रम चलेगा, इस संस्था के संस्थापक,मौलाना ऐनुल्लाह कासमी ने पत्रकारों को बताया कि स्वर्गीय अनवारूल हक, बहुत ही नेकदिल विचार के व्यक्ति थे जिन्होंने अपने पूरे जीवन काल मे सिरफ सामाजिक कार्य किया जो अंगिन्त कार्य है  इनके लड़के, डॉ0 अमानुल् हक (वरिष्ठ पत्रकार) से मिलकर जब मैंने यह बातें कहीं कि आपके पिता के नाम से एक दीनी इदारा का बुनियाद आपके मकान में रखना है, जिसमें स्कूल चलता था,अगर इसमें यह संस्था खुल जाए तो बेहतर रहेगा। इन्होंने मेरी बातों पर ध्यान देकर इसकी स्वीकृति प्रदान कर दी। इस मौके पर मौलाना ऐनुल्लाह कासमी ने शिक्षा की गुणवत्ता और इसका लाभ पर बहुत सी बातें बताइं। उन्होंने आगे कहा कि धार्मिक शिक्षा के साथ-साथ आधुनिक शिक्षा की व्यवस्था समय की पुकार है,शिक्षा के बगैर माननीय जीवन की कोई महत्व नहीं है।

मुस्लिम समुदाय के बीच धार्मिक शिक्षा की तरक्की देने में मुख्य भूमिका निभाने वाले मदरसों में आधुनिक शिक्षा की जरूरत को उपलब्ध कराने की कोशिश की जा रही है,इस देश के विभिन्न राज्यों में बहुत ही तीव्र गति से इस संबंध में कार्य हो रहे हैं, इसके साथ-साथ बिहार राज्य में भी सभी मदरसों में शिक्षा प्राप्त करने वाले छात्र छात्राओं के लिए आधुनिक शिक्षा के लिए बहुत सारे प्रबंध किए जा रहे हैं। मदरसों में आधुनिक शिक्षा प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं में आधुनिक शिक्षा प्राप्त करने की ओर रुझान नजर आ रही है,इसी क्रम में जामिया अनवारुल कुरान  में इस संबंध में कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। मुस्लिम समुदाय के बच्चों को आधुनिक शिक्षा से जोड़ने के साथ साथ धार्मिक शिक्षा की पढ़ाई को जारी रखना दोनों एक दूसरे के प्रति आवश्यक प्रतीत होता है। धार्मिक शिक्षा के साथ-साथ आधुनिक शिक्षा में अंग्रेजी,हिंदी,गणित, विज्ञान,कंप्यूटर,नेट,इंटरनेट आदि की शिक्षा देना जीवन की सफलता के लिए अनिवार्य है। मुस्लिम समुदाय के जिम्मेवार व्यक्तियों को चाहिए कि अपने बच्चों को आधुनिक शिक्षा से भी शिक्षित करें ताकि अपनी जीवनशैली में अपने समाज, राज्य और देश की विकास में कंधे से कंधा मिलाकर अपना योगदान दे सकें,धार्मिक शिक्षा के लिए मदरसों में अपनी शिक्षा को जारी रखते हुए आधुनिक शिक्षा को भी साथ में लेकर अंग्रेजी,हिंदी, गणित,साइंस,कंप्यूटर की शिक्षा भी प्राप्त करना आवश्यक समझे, तभी जाकर इस कंपटीशन के युग में अपने आप को ठहरा सकते हैं, अन्यथा फिर वही ढाक के तीन पात वाली कहावत चरितार्थ होगी। इस मौके पर कारी, सई सईदुल्लाह, शिक्षक दारुल उलूम आगरा ने कहा कि आधुनिक शिक्षा से मदरसों के छात्र छात्रों को संवारने के लिए ही जामिया अनवारुल कुरआन की स्थापना अमल में आया है,उन्होंने आगे कहा कि अभी मुस्लिम समाज में शिक्षा के स्तर को बहुत ऊंचा ले जाना पड़ेगा,तभी जाकर मुस्लिम समाज के बच्चों को आधुनिक शिक्षा से जोड़कर इस युग में बराबरी का दर्जा दिलाया जा सकता है। इस अवसर पर, बनहोरा मदरसा के मुफ्ती मूसा कासमी,कारी रेयाज कासमी, मौलाना जफरूल होदा कासमी, कारी सलीम,मौलानाओबैदुल्लाह, महफूजुर रहमान कासमी, मौलाना उबैदुल्लाह,मामून खान, प्रोफेसर रूहुलअमीन,  डॉ अमानुल हक (पत्रकार), मौलाना रेयाज,जौकतिया,कारी शमशाद,  कारी कमालुद्दीन,कारी ताजुद्दीन, अरसद साहब,मिस्टर के अलावा बहुत से गणमान्य व्यक्ति शामिल हुए।

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