टीबी बीमारी के प्रति जागरूक किया जा रहा है।इसी अभियान के तहत

 


बेतिया, 13 अक्टूबर।  अपने गांव घर से बाहर रह कर काम करने वाले प्रवासीयों का दीपावली और छठ  पर्व के अवसर पर घर आने का सिलसिला शुरू हो गया है।गाँव लौटे प्रवासियों को अब टीबी बीमारी के प्रति भी जागरूक किया जा रहा है।पश्चिमी चंपारण जिले में केएचपीटी और बिहार सरकार के स्वास्थ्य विभाग द्वारा टीबी जागरूकता अभियान के तहत अब गाँव मे भी पंचायती राज सदस्यों,जीविका, आशा कार्यकर्ता,आंगनबाड़ी सेविका,टीबी चैंपियन आदि  के सहयोग से प्रवासियों को टीबी बीमारी के प्रति जागरूक किया जा रहा है।इसी अभियान के तहत गुरुवार को मझौलिया प्रखंड के चनायनबांध पँचायत के मलूका टोला में प्रवासियों की बैठक में टीबी बीमारी के बारे में विस्तृत जानकारी दी गयी।इस दौरान केएचपीटी के सामुदायिक समन्यवक डॉ घनश्याम ने बताया कि दो हफ्ते या उससे ज्यादा समय तक खांसी, बलगम के साथ खून का आना, शाम को बुखार आना या वजन कम होना की शिकायत हो तो उसे तुरंत नजदीक के सरकारी अस्पताल में ले जाकर जांच कराने की सलाह दें। ये टीबी के लक्षण हैं।उन्होंने बताया कि सभी सरकारी अस्पताल में टीबी की जांच और इलाज पूरी तरह मुफ्त है।वही वार्ड सदस्य रूपेश कुमार  ने  कहा जो भी प्रवासी लोग है अगर उनको टीबी संबंधित कोई भी लक्षण दिखाई दे तो तुरंत अपनी जांच निश्चित रूप से करा लें।रूपेश ने कहा कि सामुदायिक जागरूकता से ही टीबी बीमारी को समाज से मुक्त कर सकते हैं।जीविका की स्वास्थ्य समन्यवक रेखा देवी ने कहा कि जीविका दीदियां अपने स्वयं सहायता समूह के साथ-साथ आसपास के लोगों को भी जागरूक करेंगी तो हम समाज से टीबी बीमारी को खत्म कर सकते हैं। मौके पर जीविका सीएम चिंता देवी ग्रामीण  अरुण राम, राजकुमार पासवान,हरिहर बैठा,मनोज राम,कैलाशी देवी,सुनर देवी सहित दर्जनों प्रवासी उपस्थित रहें।



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