पश्चिम चंपारण मे वायु प्रदूषण फैलाने वाले किसानों के विरूद्ध प्रशासन का सख्त कार्रवाई।




बेतिया, 25 नवंबर। आज बिहार सरकार के मुख्य सचिव की अध्यक्षता में वीसी के माध्यम से सभी जिले के जिला पदाधिकारी समेत नगर आयुक्त आदि पदाधिकारियों के साथ बैठक की गयी। इस बैठक में प्रदूषण नियंत्रण विषय पर गहन चर्चा की गयी। 

   इसके अंतर्गत डीजल से चलने वाले जेनरेटर सेट के प्रयोग को हतोत्साहित करने हेतु कदम उठाने पर जोर दी गयी। 15 वर्षों से अधिक पुराने वाहनों का प्रदूषण जांच कराने का निर्देश दिया गया। साथ ही कोयला व लकड़ी के जलावन पर रोक लगाने हेतु कदम उठाने का सुझाव दिया गया। इसके लिए विद्युत हीटर के प्रयोग पर जोर दी गयी। कहा गया कि प्रायः ऐसा देखा जाता है कि स्कूल बसों की स्थिति जर्जर व पुरानी होती है, जो प्रदूषण फैलाने में अपना रोल निभाता है। इसके रोक हेतु कदम उठाने की जरूरत है।


    बिहार प्रदेश आपदा प्रबंधन को वायु प्रदूषण एवं प्रबंधन हेतु मानक निर्धारित करते हुए प्रचार-प्रसार कराने का सुझाव दी गयी। सड़क निर्माण एवं भवन निर्माण के समय भी वायु प्रदूषण बढ़ जाती है जिसके रोकथाम करने का निर्देश दिया गया।

   जिला पदाधिकारी, पश्चिम चम्पारण, बेतिया द्वारा बताया गया कि मंगुराहा आदि जगहों पर स्थापित वायु प्रदूषण मशीन के कैलिब्रेसन में गड़बड़ी हो सकती है क्योंकि प्रदूषण कम नजर आती है। 

जिलाधिकारी द्वारा पूरे जिले में फसल के कटाई के उपरांत पराली को जलाने पर पूर्णरूपेण रोक लगायी गयी है। इसके बावजूद कुछ किसानों द्वारा पराली जलायी जा रही है। इसके प्रति सख्त रवैया अपनाते हुए प्रशासन द्वारा 06 किसानों को पराली जलाते हुए पाये जाने पर उनके विरूद्ध कार्यवाही की गयी है।

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