बिहार प्रांतीय खेतिहर मजदूर यूनियन का 10 वा सम्मेलन बेतिया मे शुरु

 


       

 बेतिया,21 जनवरी।    बिहार प्रांतीय खेतिहर मजदूर यूनियन का दसवां राज्य बिहार राज्य सम्मेलन आज से बेतिया में प्रारंभ हो गया यह सम्मेलन कल तक चलेगा सम्मेलन सर्वप्रथम झंडोत्तोलन करते हुए राष्ट्रीय महासचिव वेंकट ने किया उसके बाद शहीदी पर माल्यार्पण के बाद खुला अधिवेशन बिहार प्रांतीय खेत मजदूर यूनियन के अध्यक्ष देवेंद्र चौरसिया की अध्यक्षता में हुआ । खेत मजदूर यूनियन के राष्ट्रीय महासचिव बी वेंकट , राष्ट्रीय संयुक्त सचिव तथा सासंद बी शिवदासन , बिहार प्रांतीय खेतिहर मजदूर यूनियन के महासचिव भोला प्रसाद दिवाकर , बिहार राज्य किसान सभा के उपाध्यक्ष प्रभुराज नारायण राव ने संबोधित किया ।

         देश संकट में है । खेत मजदूरों की दशा खराब होती जा रही है। हम सब इन सवालों पर आज राज्य सम्मेलन में चर्चा करेंगे । इसके बाद हम राष्ट्रीय सम्मेलन में फरवरी में कोलकाता में अपना रणनीति तय करेंगे । 

          5 अप्रैल को हम लाखों की तादात में दिल्ली महारैली में भाग लेंगे । जहां भाजपा सरकार को देश से हटाने की मांग करेंगे । आज बिहार में जनवितरण प्रणाली से 5 किलो अनाज मिल रहा है । जबकि केरल में अनाज के अलावे तेल , साबुन , चाय , बिस्किट आदि मिलता है । 

            बिहार में महागठबंधन की सरकार का में समर्थन करता हूं ।लेकिन नल जल हरियाली योजना के तहत गरीबों को उजाड़ने का काम बन्द करे । इस पर भी हम इस सम्मेलन में विचार करेंगे और संघर्ष की योजना बनायेगें । 

          बिहार के मजदूर दूसरे राज्यों में काम कर रहे हैं । कोरोना काल में मजदूरों की दशा को सबने देखा है । लाखो मजदूर रास्ते में मर गए । सरकार उनको मुआवजा तक नहीं दिया । आज नरेंद्र मोदी की सरकार में  कारपोरेट आसमान छू रहे हैं और मजदूर दबे जा रहे हैं ।

        हम अपने सम्मेलन में दलित और महिलाओं पर हो रहे हमले पर भी संघर्ष की रणनीति बनायेगें । हम इस सांप्रदायिक केन्द्र की सरकार को उखाड़ फेंकने की रणनीति तय करेंगे ।

           देश में 13 महीने तक चलने वाली किसान आंदोलन ने मोदी सरकार को झुका कर तीनो काले कानून को वापस लेने को मजबूर किया है । हमें इस रास्ते को प्रशस्त करना है । 

          खेतिहर मजदूर के रूप में काम कर रहे महिलाओं की हालत में सुधार करना होगा । मोदी सरकार की नीतियां भाईचारा के खिलाफ है । संविधान के खिलाफ है । जनतंत्र के खिलाफ है । 5 अप्रैल को दिल्ली रेली निर्णायक होगा । भाईचारा और सांप्रदायिकता के बीच आर पार का संघर्ष खड़ा होगा ।

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