एशिया की सबसे बड़ी आवासीय विश्वविद्यालय, बनारस हिंदू विश्वविद्यालय की 108 वीं स्थापना दिवस




पटना, 4 फरवरी। बेतिया के सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन के सभागार सत्याग्रह भवन में एशिया की सबसे बड़ी आवासीय विश्वविद्यालय बनारस हिंदू विश्वविद्यालय की स्थापना की 108 वी दिवस पर सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन के सभागार सत्याग्रह भवन में एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया 

,जिसमें विभिन्न सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों, बुद्धिजीवियों एवं छात्र छात्राओं ने भाग लिया। इस ऐतिहासिक अवसर पर अंतरराष्ट्रीय पीस एंबेसडर सा सचिव सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन  डॉ एजाज अहमद , डॉ सुरेश कुमार अग्रवाल चांसलर प्रज्ञान अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय झारखंड,पश्चिम चंपारण कला मंच की संयोजक शाहीन परवीन एवं डॉ अमित कुमार लोहिया ने संयुक्त रूप से बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के संस्थापक मदन मोहन मालवीय, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, दरभंगा के राजा महाराजा रामेश्वर सिंह, डॉ0 एनी बेसेंट, तत्कालीन शिक्षा मंत्री सर हार कोर्ट बटलर, तत्कालीन गवर्नर जेनरल लॉर्ड  हार्डिंग को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के इतिहास पर विस्तृत रूप से प्रकाश डाला।

इस अवसर पर सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन के सचिव सह ब्रांड एंबेसडर स्वच्छ भारत मिशन डॉ एजाज अहमद (अधिवक्ता )ने कहा कि आज ही के दिन 4 फरवरी 1916 को मदन मोहन मालवीय ,राष्ट्रपिता महात्मा गांधी,डॉ0 एनी बेसेंट ,दरभंगा के राजा महाराज रामेश्वर सिंह, तत्कालीन शिक्षा मंत्री सर हार्र कोर्ट बटलर के समक्ष मुख्य अतिथि के रूप में भारत के तत्कालीन गवर्नर जनरल लॉर्ड हार्डिंग ने 4 फरवरी 1916 को बनारस हिंदू विश्वविद्यालय की आधारशिला रखी थी ।1904 से निरंतर मदन मोहन मालवीय ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के सपने देखा था जिसे 4 फरवरी 1916 को साकार करते हुए देखा। मदन मोहन मालवीय के प्रयासों से इस स्थान पर कक्षाओं का संचालन 1904 ई0 से ही आरंभ हो गया था।ऐतिहासिक अवसर पर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने हिंदी में अपना भाषण दिया था ।भारत में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का पहला सार्वजनिक भाषण था। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने कहा था कि मैं आशा करता हूं कि विश्वविद्यालय प्रशासन अपने छात्रों को अपनी मातृभाषा में शिक्षा ग्रहण करने के लिए प्रेरित करेगी। हमारी भाषा हमारी प्रतिबिंब है। इस ऐतिहासिक अवसर पर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने स्वच्छता, सामाजिक सद्भाव ,राष्ट्रीय एकता, सामाजिक कुरीतियों से मुक्ति एवं देश की अखंडता पर विशेष रूप से बल दिया था। इस अवसर पर डॉ एजाज अहमद एवं बिहार विश्वविद्यालय के इतिहास विभाग के डॉ0 शाहनवाज अली ने कहा कि एशिया की सबसे बड़ी आवासीय विश्वविद्यालय बनारस हिंदू विश्वविद्यालय राष्ट्रीय एकता का प्रतीक है।

इस ऐतिहासिक अवसर पर सामाजिक कुरीतियों से मुक्ति  स्वच्छता, राष्ट्रीय एकता,अखंडता एवं प्लास्टिक मुक्त भारत के लिए छात्र-छात्राओं को संकल्प दिलाया गया। इस अवसर पर वक्ताओं ने सरकार से मांग करते हुए कहा कि बनारस हिंदू विश्वविद्यालय की 108 वी स्थापना दिवस पर हम सरकार से मांग करते हैं कि सत्याग्रह की जन्मस्थली बेतिया पश्चिम चंपारण में देश का पहला भोजपुरी विश्वविद्यालय एवं राष्ट्रीय संग्रहालय का निर्माण कराया जाए। बनारस हिंदू विश्वविद्यालय की 108 की स्थापना दिवस एवं भारत की स्वाधीनता की 75 वीं वर्षगांठ आजादी के अमृत महोत्सव पर सरकार द्वारा यही होगी सच्ची श्रद्धांजलि ।

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