बैज्ञानिक समाजवाद के जनक कार्ल मार्क्स के 205 वी जयंती बेतिया मे मनाई गई

 



बेतिया, 05 मई। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के जिला कार्यालय में बैज्ञानिक समाजवाद के जनक कार्ल मार्क्स के 205 वी जयंती मनाई गई, इस अवसर पर कार्ल मार्क्स के तस्वीर पर फूल माला अर्पित किया गया तथा इस अवसर पर विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया गोष्ठी में विचारकों ने मार्क्स के विचार सिद्धांत और जीवन चरित्र पर प्रकाश डालते हुए आज के समय में मार्क्स के विचारों की प्रासंगिकता ठहराते हुए शोषण एवं उत्पीड़न के खिलाफ संघर्ष की अनिवार्य ता को स्वीकार की गई, गोष्ठी में देश की शिक्षा का भगवाकरण करने को भारतीय सभ्यता संस्कृति के विपरीत करार दिया गया तथा भारतीय शिक्षा को बचाने के लिए सडकों पर उतरने की बात कही गई, 

   आज भी दुनिया में समाजवाद का विकल्प पूजीवाद नहीं है, बल्कि मार्क्स के विचारों के अनुसार समाज पीछे की ओर नहीं जाता बल्कि आगे की ओर बढ़ता बढने की गति में अन्तर हो सकता है लेकिन समाज हमेसा आगे बढते हुए समाजवाद के मंजिल को प्राप्त करेगा, 

आज पूजीवाद अपने बढते संकट को छिपाने के लिए जातिवाद धर्मवाद, साम्प्रदायवाद का सहारा लेकर देश और दुनिया में नफरत का माहौल पैदा कर रहा है, इन सभी समाजिक व्याधियों पर नियंत्रण के लिए मार्क्स का सिद्धांत ही उपयुक्त साबित होता होता है, जिस तरह से समाज का द्वन्द्व बढ रहा है उसकी अंतिम परिणति समाजवाद ही है

  मार्क्स मरने के बाद भी आज अपने बैज्ञानिक विचारों के कारण दुनिया के मेहनतकश जनता के बीच एक मसीहा के रूप में जिन्दा है वही शोषकों के बीच आज भी मार्क्स के विचार  भयभीत हैं, 

       वक्ताओं ने मार्क्स के विचारों को जन जन तक पहुचाने का संकल्प लिया साथ ही जन मुद्दों पर आंदोलन तेज करने का आह्वान किया

     विचार गोष्ठी में भाकपा जिला सचिव ओम प्रकाश क्रांति, अशोक मिश्र, बब्लू दूबे, वीरेंद्र राव, केदार चौधरी, चन्द्रीका प्रसाद, संजय सिंह, दीपक कुमार श्रीवास्तव, राकेश श्रीवास्तव, लक्की, गायत्री देवी, कैलाश दास, हरेन्द्र द्विवेदी, खलिकुज्जमा, सैफुल्लाह, अब्दुल सतार, संतोष साह, ने विचार गोष्ठी में अपने अपने विचार रखे

    विचार गोष्ठी की अध्यक्षता योगेन्द्र शर्मा ने की

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