अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन एवं विभिन्न सामाजिक संगठनों ने विश्व की नई पीढ़ी से की अपील।

                                           


                                                    योग से दूर होता है मानसिक एवं शारीरिक रोग।                                               

पटना, 21 जून।   अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर बेतिया स्थित  सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन के सभागार सत्याग्रह भवन में एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया ।जिसमें विभिन्न सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों, बुद्धिजीवियों एवं छात्र-छात्राओं ने भाग लिया। इस अवसर पर स्वच्छ भारत मिशन के ब्रांड एंबेसडर सह सचिव सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन डॉ एजाज अहमद अधिवक्ता, डॉ सुरेश कुमार अग्रवाल चांसलर प्रज्ञान अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय झारखंड, डॉ शाहनवाज अली, डॉ अमित कुमार  लोहिया, पश्चिम चंपारण कला मंच की संयोजक शाहीन परवीन,मदर ताहिरा चैरिटेबल ट्रस्ट की निदेशक एस सबा ने सर्वप्रथम महर्षि पतंजलि एवं उन हजारों योग गुरुओं को श्रद्धांजलि अर्पित की जिनके अथक प्रयासों से योग विद्या को  राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मानव को मानसिक एवं शारीरिक रोगों से मुक्ति दिलाकर स्वच्छ मन एवं स्वस्थ शरीर बनाने का प्रयास किया। प्रत्येक वर्ष 21 जून को पूरी दुनिया में विश्व योग दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन का उद्देश्य आध्यात्मिक एवं शारीरिक अभ्यास के लाभों के बारे में  दुनिया भर मे जागरूकता फैलाना है। भारत में ऋषि मुनियों एवं सुफी संतों द्वारा प्राचीन काल से योग होता आ रहा है। योग भारतीय संस्कृति से जुड़ा है, जो अब विदेशों में भी फैल गया है। योग के विदेशों में प्रसारित करने का श्रेय  महर्षि पतंजलि एवं हमारे योग गुरुओं को जाता है। 21 जून को योग दिवस इसलिए मनाया जाता है क्योंकि यह उत्तरी गोलार्ध में ग्रीष्म संक्रांति का दिन भी है। ग्रीष्म संक्रांति कई संस्कृतियों में महत्व रखती है। ऐतिहासिक अध्ययनों से पता चलता है कि मध्यकालीन भारत में हजारों की संख्या में मुस्लिम एवं हिंदू योगी  योग विद्या से जुड़े हुए थे। तत्कालीन प्रधानमंत्री  नरेंद्र मोदी के अथक प्रयासों से अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस को पहली बार 2014 में संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा मान्यता दी गई थी। उस समय संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि, अशोक मुखर्जी ने योग के अभ्यास के लिए एक दिन को मान्यता देने के लिए अंतर्राष्ट्रीय निकाय को एक प्रस्ताव प्रस्तुत किया था। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 27 सितंबर 2014 को संयुक्त महासभा में दुनियाभर में योग दिवस मनाने का आह्वान किया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रस्ताव को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने स्वीकार कर लिया। इस प्रस्ताव में 175 अन्य सह-प्रायोजक मिले, जो संयुक्त राष्ट्र में किसी प्रस्ताव के लिए अब तक का सर्वाधिक है। नतीजतन, प्रस्ताव जमा करने के 90 दिनों के भीतर पारित किया गया था। प्रस्ताव पारित होने के साथ ही 21 जून 2015 को पहला अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया गया।21 जून को ही योग दिवस क्यों मनाया जाता है? इसके पीछे की मुख्य वजह ये है कि, 21 जून को उत्तरी गोलार्द्ध का सबसे लंबा दिन होता है, जिसे लोग ग्रीष्म संक्रांति भी कहते हैं। भारतीय परंपरा के मुताबिक, ग्रीष्म संक्रांति के बाद सूर्य दक्षिणायन होता है। माना जाता है कि सूर्य दक्षिणायन का समय आध्यात्मिक सिद्धियां प्राप्त करने के लिए फायदेमंद है। इसी वजह से 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाने लगा।

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