बिहार राज्य किसान सभा के प्रशिक्षण शिविर सत्र का दूसरा दिन: स्वामीनाथ अनुशंसा लागू करे सरकार - बीजू कृष्णन

 


पटना, 04नवंबर।  बिहार राज्य किसान सभा के राज्य स्तरीय दूसरे दिन की प्रशिक्षण शिविर पटना के मसौढ़ी में सुबह 10 बजे प्रारंभ हुआ। जिसकी अध्यक्षता प्रभुराज नारायण राव ने किया । आज प्रशिक्षण का कार्य अखिल भारतीय किसान सभा के राष्ट्रीय महासचिव बीजू कृष्णन ने वर्तमान कृषि संकट और  समाधान विषय पर किया। 

         उन्होंने बताया कि आजादी के बाद नेहरू सरकार ने अर्द्ध सामंती अर्द्ध पूंजीवादी व्यवस्था पर आधारित सरकार बनाई । भूख से बचाव के लिए सरकार द्वारा खाने के अनाज का भंडारण शुरू किया गया । जो 1997 तक चला । जमीन के सवाल पर  किसानों ने सामंतो के खिलाफ लड़ाई शुरू कर दी। सरकार को मजबूर होकर भूमि बटवारे के लिए भूमि सुधार कानून बनाना पड़ा । इसका लाभ सबसे ज्यादा पश्चिम बंगाल के भूमिहीनों को मिला। वहां खेती योग्य 63 % जमीनें भूमिहीनों में बांट दी गई। केरल और त्रिपुरा में भी जमीनें बांटी गई । लाल क्रांति के भय से विनोबा भावे ने जमींदारों से जमीन लेकर गरीबों में बांटने का काम कर कम्युनिस्टो को रोकने का काम किया।

         नेहरु सरकार द्वारा भूख से मरने के संकट को रोकने के लिए अन्न भंडारण की व्यवस्था को गई। किसानों को खेती के लिए अनुदान शुरू की गई। खाद ,बीज और कृषि उपक्रमों पर अनुदान मिलने लगे। साथ ही खाने की अनाज की काला बाजारी को रोकने के लिए आवश्यक वस्तु अधिनियम कानून बना । 

             लेकिन नव उदारवादी नीतियों के चलते किसानों को मिलने वाले अनुदानों में कटौतियां कर दी गई। आम जनता को मिलने वाले सुविधाएं से वंचित कर दिया गया। पूंजीवाद को बढ़ावा दिया जाने लगा । बहुराष्ट्रीय कम्पनियों द्वारा भारत को बाजार के रूप में इस्तेमाल किया जाने लगा। मुक्त बाजार भारत में आने के बाद हमारे उत्पादन के दाम कम हो गए। लेकिन लागत बढ़ गए।

              मोदी सरकार आने के बाद हमने केंद्रीय कृषि मंत्री से स्वामीनाथन आयोग के अनुशंसाओं को लागू करने की मांग की । उसने भूमि अधिग्रहण कानून बना दिया । इस कानून में किसानों की जमीन बिना उसके मर्जी के अधिग्रण हो जायेगा। इसके खिलाफ हमने आंदोलन किया। हमने भूमि अधिकार आंदोलन बनाया। इसमें बड़े पैमाने पर आदिवासी किसान और कमजोर वर्ग के किसान जुड़े । कृषि उपज की सरकारी खरीद नहीं होने पर निजी क्षेत्रों की खरीददारी से किसानों को सही दाम नहीं मिलेगा। किसानो को कर्ज से मुक्ति नहीं मिलेगी । फसल में लागत का डेढ़ गुना दाम नहीं मिलेगा । तो मोदी सरकार के खिलाफ एकजुट संघर्ष के लिए संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा दिल्ली बॉर्डर पर आन्दोलन चलाया गया।13 महीने की ऐतिहासिक किसान आंदोलन से भयभीत हो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीनों काले कृषि कानून वापस ले लिया।

कार्यक्रम में किसान सभा के राष्ट्रीय संयुक्त सचिव अवधेश कुमार, राज्य महासचिव विनोद कुमार सहित अन्य मौजूद थे!

आमंत्रित के रूप में सीपीआईएम के राज्य सचिव ललन चौधरी, पटना जिला सचिव मनोज कुमार चंद्रवंशी, मसौढ़ी लोकल सचिव प्रो सी पी मंडल, स्वागत मंत्री सोने लाल प्रसाद, शिव कुमार विधार्थी, सुरेंद्र कुमार के अलावा अन्य मौजूद थे! कार्यक्रम 5 नवम्बर तक चलेगा!

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