बेतिया मे डीएम के समक्ष मजदूर किसानों का धरना।

 

   

 बेतिया, 10 फरवरी। भारत सरकार की मजदूर,किसान,गरीब विरोधी नीतियों के चलते गरीबी भयानक रूप से बढ़ी है। भारतीय अर्थव्यवस्था लगातार चरमराती जा  रही है। देश के औद्योगिक आधार लगातार खिसकते जा रहे हैं । मोदी सरकार की कारपोरेट घरानों को बढ़ावा देने के चलते आम लोगों पर आर्थिक बोझ बढ़ रहा है। एक ओर बड़े कार्पोरेट वर्ग की संपत्ति और आय में अभूतपूर्व वृद्धि तो दूसरी ओर मेहनतकशों की बड़ी संख्या दरिद्रता की ओर बढ़ रही है। भारत भूख, गरीबी, महिला सुरक्षा, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, मानवाधिकार आदि सभी सूचकांकों में नीचे गिर रहा है। 

           बच्चों को नौकरिया नहीं मिल रही है। यहां तक कि सरकारी रिक्तियों को भी नहीं भरी जा रही  हैं। कई सार्वजनिक उपक्रम बंद हो गए। निजी कार्पोरेट घरानों को बेचा जा रहा है। नतीजतन कई हजार कर्मचारी रोजगार से बाहर हो गए। संविदा कर्मी छूटने और छंटनी के प्रमुख शिकार बन गया है। कोविड के बहाने रेलवे ने वरिष्ठ नागरिकों,  महिलाएं, दिव्यांग खिलाड़ियों को दी जाने वाली रियायतें वापस ले ली है।

      देश के श्रम बाजार में अनौपचारिकता बढ़ती जा रही है। देश में लाखों की संख्या में महिलाएं विभिन्न स्कीमों  आशा,  आंगनवाड़ी और मिड डे मील में कार्यरत हैं। उन्हें नियमित नहीं किया जा रहा है ।हैं।

      वहीं देश के संघीय ढांचे पर लगातार हमले बढ़ रहे  हैं। मजदूरों, किसानों और  आम लोगों को ज्वलंत मुद्दों से भटकाने के लिए साम्प्रदायिक ध्रुवीकरण किया जा रहा है।

       मुख्य  मांग इस प्रकार से है।

1. सभी को मुफ्त शिक्षा, स्वास्थ्य, पानी और स्वच्छता के अधिकार की गारंटी की जाय। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को रद्द करें।

2. राष्ट्रीय न्यूनतम वेतन ₹ 26000 प्रतिमाह की जाय।

3. नियमित रुप से भारतीय श्रम सम्मेलन बुलाया जाय। 

4. सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों व सरकारी विभागों का निजीकरण बंद हो, राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइप लाइन को रद्द करें। खनिजों और धातुओं के खनन पर मौजूदा कानून में संशोधन करें और स्थानीय समुदायों, खासकर आदिवासियों और किसानों के उत्थान के लिए कोयला खदानों सहित अन्य खदानों से लाभ का 50% हिस्सा सुनिश्चित करें।

5. बिजली संशोधन विधेयक 2022 को वापस ले। प्री - पेड स्मार्ट मीटर लगाने पर रोक लगाएँ।

6. काम के अधिकार को मौलिक बनाया जाय। स्वीकृत रिक्त पदों को भरें और बेरोजगारों के लिए रोजगार पैदा करें। मनरेगा का  विस्तार और कार्यान्वयन (प्रति वर्ष 200 दिन और ₹ 600 प्रति माह मजदूरी) हो। 

7. चार श्रम कोड व निश्चित अवधि के रोजगार कानून को वापस ले तथा काम पर समानता व सुरक्षा सुनिश्चित करें। श्रम का कैजुअलाईजेशन व  ठेकाकरण बंद करें। असंगठित श्रमिकों की सभी श्रेणियों के मजदूरों को पंजीकृत किया जाय। पेंशन सहित व्यापक सामाजिक सुरक्षा में पोर्टेबिलिटी गारंटी हो।

8. निर्माण श्रमिकों को कल्याण निधि से योगदान के साथ ई एस आई कवरेज दें,  ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकृत सभी श्रमिकों को स्वास्थ योजनाओं, मातृत्व लाभ, जीवन और विकलांगता बीमा का कवरेज भी दें।

9. घरेलु कामगारों और गृह आधारित कामगारों पर ILO कन्वेंशन की पुष्टि करें और उचित कानून बनायें, मौजूदा अंतर-राज्य प्रवासी श्रमिकों के लिए रोजगार का विनियमन अधिनियम 1979 को मजबूत करें और उनके सामाजिक कवर की पोर्टेबिलिटी प्रदान करें।

10. नयी पेंशन योजना खत्म करें, पुरानी पेंशन योजना बहाल करें और सभी को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करें।

11. अत्यधिक अमीरों पर कर लगाएं, कार्पोरेट टैक्स बढ़ाए, संपत्ति कर और उत्तराधिकार कर पुनः लागू करें।

12. किसानों को बीज, उर्वरक और बिजली पर सब्सिडी बढ़ाए, किसानों की उपज के लिए MSP की कानूनी गारंटी दें तथा खरीद की गारंटी दें।

13. सभी कृषक परिवारों को कर्ज के जाल से मुक्त करने के लिए व्यापक ऋणमाफी योजना की घोषणा करें।

14. केंद्र सरकार द्वारा किसानों को दिए लिखित आश्वासनों को लागू करें, जिसके आधार पर ऐतिहासिक किसान संघर्ष को निलंबित किया गया था,  सभी शहीद किसानों के लिए सिंधू बॉर्डर पर स्मारक, परिवारों को मुआवजा दें, सभी लंबित मामलों को वापस ले तथा केन्द्रीय राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी पर मुकदमा चलाएं l

15. संविधान के मूल मूल्यों- अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, असहमति का अधिकार, धर्म मानने की स्वतंत्रता, विविध संस्कृतियों, भाषाओं, कानून के समक्ष समानता और देश की संघीय संरचना पर हमला बंद करें। 

16. वरिष्ठ नागरिकों, महिलाओं, दिवंगता, खिलाड़ियों को दी जाने वाली रेलवे रियायतें, जो कोविड के बहाने ले ली गई थी, बहाल की जाय।

17. खाद्य सुरक्षा की गारंटी और सार्वजनिक वितरण प्रणाली को सर्वव्यापी बनाया

      आज के धरना में किसान नेता मानती राम, किसान सभा राज्य कार्यकारिणी सदस्य चांदसी प्रसाद यादव, ऐटक राज्य नेता ओमप्रकाश क्रांति,सी आईं टी यू राज्य कमेटी सदस्य नीरज बरनवाल,सी आई टी यू महासचिव शंकर कुमार राव, खेतिहर मजदूर यूनियन के जिला मंत्री प्रभुनाथ गुप्ता,सी टू से सम्बद्ध तांगा चालक के अध्यक्ष प्रकाश कुमार वर्मा,ई रिक्शा चालक के संयोजक म॰ हनीफ, कांग्रेस किसान के आदित्य कुमार, किसान सभा के अध्यक्ष अशोक मिश्रा, सचिव राधामोहन यादव, योगेन्द्र शर्मा, जयंत कुमार दिवेदी, सुबोध मुखिया, चन्द्रिका प्रसाद के साथ और भी किसान मजदूर साथी मौजूद थे।

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